Hapur News: गंगा दशहरा पर पहुंचे लाखों श्रद्धालु, लगाई आस्था की डुबकी
Hapur News:ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं, इसी दिन विशाल दशहरा गंगा स्नान मेला का आयोजन किया जाता है।
Hapur News: मिनी हरिद्वार कहे जाने वाले हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में दूर दूर से गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का देर रात से ही तांता लगना शुरू हो गया था। आज मुख्य गंगा स्नान है और अन्य जिलों और राज्यों से आए श्रद्धालु गंगा स्नान कर धर्म लाभ उठा रहे हैं। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं, इसी दिन विशाल दशहरा गंगा स्नान मेला का आयोजन किया जाता है। धरती पर अवतरित हुई मोक्ष दायिनी मां गंगा जिधर-जिधर से होकर गुजरीं उधर ही हरा भरा कर दिया। गंगा माँ अपने किनारे पर बसे करोड़ों परिवारों का भरण-पोषण करती हैं। गंगा दशहरा पर आज मुख्य स्नान पर्व पर ब्रजघाट, लठीरा कच्चा घाट, पुष्पावती पूठ के अलावा गंगा के दूसरे छोर पर करीब 10 लाख श्रद्धालु गंगा में स्नान करेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही है।
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को भगवान शिव की जटाओ से मुक्त होकर मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं। गंगा अपने तेज बहाव के साथ निर्मल व पवित्रता लिए जिधर से गुजरीं वहीं हरा-भरा कर खुशहाली ला दी। हिन्दू सनातनी धर्म में गंगा जल का विशेष महत्व होता है। धार्मिक संस्कार पूजा-अर्चना में गंगा जल के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि गंगा दर्शन करने मात्र से ही मन पवित्र होता है। पाप धुल जाते हैं और गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। पांडवों को गंगा किनारे विधिवत पूजा-अर्चना करने पर पितरों को आत्म शांति के साथ मुक्ति मिली थी। दिल्ली-हरियाणा सहित कई राज्यों से आते हैं, श्रद्धालु गंगा दशहरा पर गंगा स्नान के लिए गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट पर स्नान के लिए श्रद्धालु काफी दूर-दूर से आते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस काफी अलग है और शादी कपड़ों में भी रहकर पुलिस वहां पर तैनात है। संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जारी है, ड्रोन कैमरे से भी गंगा घाटों की निगरानी की जा रही है।
गंगा दशहरा पर्व पर ब्रजघाट, पुष्पावती पूठ और लठीरा के तटों पर श्रद्धालुओं की जमघट लग रहा। स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली प्रांतों समेत मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद समेत आसपास के जिलों के श्रद्धालुओं की संख्या सर्वाधिक रही। स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं ने दीपदान भी किया।