हरदोई बना आत्मनिर्भर भारत की मिसाल, गांववासियों ने बनाया लकड़ी का पुल

सदर तहसील के सुहेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जब कई सालों तक इंतजार किया और निर्माणाधीन पुल पर सम्पर्क मार्ग न बनने से उन्हें मायूसी हाथ लगी तो ग्रामीण खुद ही भागीरथ बन गए और अपने आवागवन के लिए सुखेता नदी पर खुद ही लकड़ी का पुल बनाकर आत्मनिर्भर बन गए।

Update: 2020-09-08 06:23 GMT
हरदोई बना आत्मनिर्भर भारत की मिसाल (social media)

हरदोई: सदर तहसील के सुहेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जब कई सालों तक इंतजार किया और निर्माणाधीन पुल पर सम्पर्क मार्ग न बनने से उन्हें मायूसी हाथ लगी तो ग्रामीण खुद ही भागीरथ बन गए और अपने आवागवन के लिए सुखेता नदी पर खुद ही लकड़ी का पुल बनाकर आत्मनिर्भर बन गए।

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नदी पर पुल निर्माण हो गया लेकिन सम्पर्क मार्ग का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है

अगर पूछा जाए कि एक नदी पर कुछ मीटर लम्बा पुल बनाने में कितना समय लगता है तो आप कहेंगे कुछ महीने या फिर कुछ साल लेकिन तहसील सदर हरदोई की ग्राम पंचायत सुहेड़ी से मिलने वाला जवाब आपको आश्चर्य चकित कर देगा। यहां पुल निर्माण की आस लगाए बैठे लोगों की पीढ़ियां गुजर गई। सुखेता नदी पर पुल निर्माण हो गया लेकिन सम्पर्क मार्ग का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।

पुल निर्माण के बाद सम्पर्क मार्ग न होने के कारण लोगों को आवागमन में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। बरसात के समय में चारों ओर पानी ही पानी होने के कारण ग्रामीणों का तहसील व जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता हैं। ऐसे में नाव से या फिर बांस-बल्ली के सहारे खुद के प्रयासों से बनाए गए पुल से नदी पार करना इन ग्रामीणों की मजबूरी बन जाती हैं।

hardoi wooden bridge (social media)

जब सरकारों ने ग्रामीणों की नही सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया

ऐसे में जब सरकारों ने ग्रामीणों की नही सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया और अपने निकलने का रास्ता बना लिया। कहते हैं कि मजबूत हौसला और समाज के लिये कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो बड़ी से बड़ी रुकावट दूर की जा सकती है। इस कहावत को लोनार थाना क्षेत्र के सुहेड़ी गांव में लोगों ने सही साबित कर दिखाया है।

प्रशासन ने ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए पुल निर्माण का कार्य शुरू कराया लेकिन कुछ ही दिनों में निर्माण कार्य ठेकेदार के द्वारा बंद कर दिया गया और सम्पर्क मार्ग न बनने के कारण पुल निर्माण आधा ही हो सका और वह भी सफेद हाथी की तरह अधूरा बनकर खड़ा हुआ है।लगातार सरकारों की अनदेखी के बाद ग्रामीणों ने खुद ही नदी पर लगभग 80 मीटर लंबा लकड़ी का पुल बनाकर तैयार कर दिया।

hardoi bridge (social media)

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यहां के रहने वाले ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।यहां पर एक पुल बनाया भी जा रहा है लेकिन वह भी अधूरा पड़ा है और उस पर आवागवन चालू नही कराया जा सका है जिससे ग्रामीण परेशान है।ग्रामीणों का कहना है कि लकड़ी के पुल से निकलने में तमाम दिक्कतें है और खतरा भी लेकिन प्रशासन इस तरफ ध्यान नही दे रहा है।ग्रामीणों के मुताबिक कई लोगो को यहां जान के लाले पड़ चुके है।जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारी भी इस तरफ ध्यान नही दे रहे।

मनोज तिवारी

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