Hardoi News: अपने बदहाली के आंसू बहा रही बाबा साहब अंबेडकर प्रतिमा, ज़िम्मेदार नहीं दे रहें ध्यान

Hardoi News: नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड संख्या 5 में बनी बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा कई वर्षों से अपने बदहाली के आंसू बहा रही है। देश का संविधान लिखने वाले बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा गंदे पानी व कूड़ा करकट के बीच लगी हुई है।

Update:2023-08-03 22:13 IST
(Pic: Newstrack)

Hardoi News: देशभर के सभी सरकारी कार्यालयों में भारत का संविधान को लिखने वाले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की फोटो लगी देखी होगी। अंबेडकर जयंती के दिन देश के नेताओं समेत सरकारी अधिकारी बाबा भीमराव अंबेडकर की फोटो व मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को प्रकट करते हैं। सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर लगी बाबा भीमराव अंबेडकर की फोटो देश के महापुरुष के तौर पर प्रदर्शित करती है लेकिन जब जमीनी स्तर पर बात की जाए तो कई स्थानों पर बाबा भीमराव अंबेडकर की मूर्तियां बदहाल स्थिति में है।

प्रतिमा के चारो ओर कूड़े का ढेर

हरदोई शहर की बात की जाए तो नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड संख्या 5 में बनी बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा कई वर्षों से अपने बदहाली के आंसू बहा रही है। देश का संविधान लिखने वाले बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा गंदे पानी व कूड़ा करकट के बीच लगी हुई है। कई बार वहां के रहने वाले लोगों ने इस बाबत जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक को अवगत कराया लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने गंदगी के अंबार के बीच लगी बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर कार्य नहीं कराया। बारिश के दिनों में तो हालात और बुरे हो जाते हैं बारिश के दिनों में कोई भी व्यक्ति बाबा भीमराव अंबेडकर की मूर्ति तक नहीं जा सकता। मूर्ति के चारों ओर गंदे पानी का जलभराव जमा हो जाता है। बाबा भीमराव की प्रतिमा की उपेक्षा से वहां रहने वाले लोगों में खासा नाराजगी है। लोगों का कहना है कि चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधियों को सारे वादे और सारे कार्य याद आते हैं लेकिन चुनाव बीतते ही सभी जनप्रतिनिधि सारे वादे और कार्य भूल जाते हैं।

तत्कालीन ज़िलाधिकारी ने पार्क बनाने के दिये थे निर्देश

नगरपालिका के अंतर्गत आने वाले वार्ड संख्या पांच जोकि गौशाला से लेकर कई गांव को जोड़ने का काम करता है। वहां बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगी हुई है। जिम्मेदारों की लापरवाही और अनदेखी के चलते देश का संविधान लिखने वाले बाबा भीमराव अंबेडकर के मूर्ति के चारों ओर कूड़े का अंबार लगा हुआ है। चारों और कूड़ा पड़ा होने से राहगीरों के साथ-साथ वहां रह रहे लोगों को भी काफी असुविधा होती है। साथ ही लोगों को बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तक जाने आने में काफी समस्या होती है। कई बार वहां के रहने वाले लोगों ने जनप्रतिनिधि से लेकर जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों तक से बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का जीर्णोद्धार कराये जाने की माँग की थी, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।

ट्रांसफ़र के बाद ठप हो गया कार्य

तत्कालीन जिलाधिकारी पुलकित खरे में मोहल्ले वासियों की शिकायत पर मौके पर पहुच अंबेडकर प्रतिमा स्थल का निरीक्षण किया और नगर पालिका को शीघ्र ही अंबेडकर प्रतिमा के जीर्णोद्धार के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने अंबेडकर प्रतिमा के चारों और पढ़ें कूड़े व जलभराव को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी साथ ही जिम्मेदारों को उस स्थान पर एक पार्क बनाने के लिए भी निर्देशित किया था। लेकिन उनका तबादला होने के बाद भीमराव अंबेडकर के जीर्णोद्धार का कार्य बंद हो गया जिसके चलते एक बार फिर बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा कूड़े के ढेर के बीच स्थापित है।

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