Hardoi News: बाबू जी धीरे चलना जरा संभलना बड़े गड्ढे हैं इस राह में, यह गाना नहीं हकीकत है जाने क्या है मामला

Hardoi News: विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे हुए हवा हवाई, सड़कों पर चलना भी हो रहा दूभर।

Update:2023-07-23 16:18 IST
हरदोई जनपद की ज्यादातर सड़कें हैं खस्ताहाल: Photo- Newstrack

Hardoi News: विधानसभा चुनाव में सड़कों का जाल बिछाने के साथ सड़कों को बेहतर व गड्ढा मुक्त बनाने के हुए दावे जनपद में बेअसर साबित हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव में हरदोई पहुंचे जितिन प्रसाद ने भी हरदोई में सदर विधायक व आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल के साथ हरदोई के विकास को प्राथमिकता के साथ कराए जाने का दावा किया था।

हरदोई से लगे शाहजहांपुर जनपद से उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद के दावे बेअसर साबित हो रहे हैं। हरदोई जनपद की ज्यादातर सड़कें खस्ताहाल हैं। हाल ही में बघौली से प्रतापनगर जाने वाले मार्ग को लेकर किसान यूनियन ने प्रदर्शन कर सड़क बनवाये जाने की मांग की थी। यह सड़क कई वर्षों से खस्ताहाल थी। लोगों का इस मार्ग से निकलना दूभर था। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर को जोड़ने वाले कई मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं जिन पर चलना लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

रद्देपूर्वा से सकतपुर जाने वाला मार्ग खस्ताहाल, होती है असुविधा-

हरदोई शहर के पिहानी चुंगी से रद्देपुरवा और सघई बेहटा होते हुए सकतपुर तक जाने वाला मार्ग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह मार्ग बीते कई वर्षों से अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। कोई भी जिम्मेदार इस मार्ग की मरम्मत कराने की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। सड़क का यह हाल है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क यह नहीं जान सकते। अधिकांश डामर उखड़ गया है और सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जिस में बारिश का पानी एकत्र होने से राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हरदोई से रद्देपुरवा से सकतपुर तक जाने वाले मार्ग पर करीब 100 गांव पड़ते हैं। सुबह से लेकर शाम तक सैकड़ों की संख्या में छोटे से लेकर बड़े वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं। इसी मार्ग पर बच्चा जेल समेत कई विद्यालय भी हैं।

सड़क के उबड़ खाबड़ होने से वाहनों के आवागमन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सड़क के ऊबड़ खाबड़ होने के चलते कई बार हादसे भी इस मार्ग पर हो चुके हैं जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं। इस मार्ग से मरीजों को लाने वाली एंबुलेंस को सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है और यह समस्या तब बढ़ जाती है जब एंबुलेंस में कोई गर्भवती हो। गड्ढों में झटकों के चलते एम्बुलेंस में ही प्रसव होने की संभावना बढ़ जाती है। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि इस मार्ग की मरम्मत को कराने की जिम्मेदारी नहीं उठा रहे हैं ना ही इस मार्ग पर जिम्मेदारों का कोई ध्यान है।

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