Hardoi News: सीएचसी पर नहीं है रैबिज इंजेक्शन, मरीजों की जेब पर पड़ रहा असर
Hardoi News: शाहाबाद सीएचसी के फार्मासिस्ट द्वारा बाहर के मेडिकल स्टोर से लाने के लिए रैबिज इंजेक्शन का पर्चा लिखा गया जो मीडिया के हाथ लगा। सीएचसी अधीक्षक फार्मासिस्ट की इस हरकत से अंजान बन गए हैं।
Hardoi News: स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उत्तर प्रदेश के सभी सीएचसी और पीएचसी में रैबिज इंजेक्शन हर वक्त उपलब्ध रहते हैं। परंतु हकीकत इसके ठीक विपरीत है। शाहाबाद सीएचसी के फार्मासिस्ट द्वारा बाहर के मेडिकल स्टोर से लाने के लिए रैबिज इंजेक्शन का पर्चा लिखा गया जो मीडिया के हाथ लगा। सीएचसी अधीक्षक फार्मासिस्ट की इस हरकत से अंजान बन गए हैं। शाहबाद तहसील क्षेत्र के सिमरायां निवासी नौ वर्षीय अंश को कुत्ते ने काट लिया था। इस सिलसिले में उसे शाहाबाद सीएचसी में इलाज कराने के लिए लाया गया। यहां पर उसे इलाज के नाम पर रैबिज का इंजेक्शन लाने के लिए फार्मासिस्ट द्वारा बाहर के मेडिकल स्टोर से पर्चा लिखा गया। अंश के पिता ने जब मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन लेना चाहा उसी समय यह पर्चा मीडिया के हाथ लग गया। अंश के पिता ने बताया बेटे का कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद इलाज कराने के लिए सीएचसी आया है। यहां पर फार्मासिस्ट ने पर्चा लिखकर रैबिज का इंजेक्शन बाहर से लाने के लिए कहा। बेटे के इलाज के लिए मजबूरन वह इंजेक्शन लेने मेडिकल स्टोर पर आया है। इसके अतिरिक्त फार्मासिस्ट ने एक एलएमजी सिरप भी लिखा है।
आपको बता दें स्वास्थ्य विभाग ने केवल चिकित्सक को पर्चा लिखने का अधिकार दिया है। फार्मासिस्ट पर्चा लिखने का कोई भी हक नहीं रखता लेकिन शाहाबाद सीएचसी की महिमा निराली है। यहां पूर्व में एक मामला सामने आया था, जिसने स्वीपर मेडिकल परीक्षण कराते हैं और फार्मासिस्ट मरीजों को देखकर दवाएं लिख देते हैं। इसका जीता जागता नमूना रैबिज का लिखा गया यह पर्चा है। इस संबंध में जब सीएचसी अधीक्षक प्रवीण दीक्षित से जानकारी चाही गई तो उन्होंने मामले की जानकारी नहीं है। यदि यह हुआ है तो फार्मासिस्ट को पर्चा लिखने का कोई अधिकार नहीं है, अगर ऐसा किया गया है तो वह जांच कर पूछताछ करेंगे। फिलहाल रेबीज का इंजेक्शन बाहर से लाने के लिए लिखा गया पर्चा स्वास्थ्य विभाग की दवाएं उपलब्ध कराने की पूरी पोल खोलता हुआ नजर आ रहा है।
कमीशन के खेल में माहिर है स्वास्थ विभाग!
सरकारी अस्पतालों में रैबिज के इंजेक्शन मुफ़्त में लगाये जाते हैं। जबकि बाज़ार में इनकी क़ीमत 300 से 350 तक होती है। अस्पताल में रैबिज इंजेक्शन ना लगाकर बाज़ार से लिख देना स्वास्थ महकमे की पोल खोल रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग में चल रहे कमीशन के बड़े खेल को भी जगज़ाहिर कर रहा है। हाल ही में गर्भवती को भर्ती ना करने के मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का बेतुका बयान सामने आया था उससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि स्वास्थ्य महकमे में किस तरह भ्रष्टाचार की जड़ें फैली हुई हैं।
हरदोई में नन्हे बच्चों ने बनाए मिट्टी के आभूषण, देखकर लोग हुए अचंभित
मंगली पुरवा स्थित श्री डाल सिंह मेमोरियल स्कूल में चल रहे समर कैंप के पांचवे दिन बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। छोटे बच्चों ने मिट्टी के आभूषण बनाकर अपनी कला दिखाई, जिसे देख लोग हैरत में पड़ गए। बच्चों के द्वारा आभूषणों को कलर कर सजाया गया था, उसकी सभी ने खूब प्रशंसा की। विद्यालय में चल रहे समर कैंप में साल भर कक्षाओं में पढ़ने के बाद अब वे विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से कुछ सीखने तथा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के चलते काफी उत्सुक दिख रहे हैं।
बच्चे करेंगे कलेक्ट्रेट का भ्रमण
मंगली पुरवा स्थित श्री डाल सिंह मेमोरियल स्कूल चल रहे सात दिवसीय समर कैंप के अंतर्गत ’इसको भी जानो’ कार्यक्रम के तहत बच्चे बुधवार को कलेक्ट्रेट का भ्रमण करेंगे तथा कलेक्ट्रेट से जुड़े सभी विभागों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। विद्यालय के संस्थापक अखिलेश सिंह ने बच्चों को मिट्टी द्वारा बनाए गए आभूषण तथा विज्ञान प्रदर्शनी के लिए बहुत सराहा तथा उनकी प्रतिभा की प्रशंसा की। इस अवसर पर प्रबंधक मुकेश सिंह, विद्यालय की प्रधानाचार्य लक्ष्मी देवी तथा भूमिका सिंह के अलावा अध्यापिका कविता गुप्ता, विनीता शुक्ला, अर्पिता सिंह, सोनम शुक्ला, रेखा रानी, मनसा वाजपेई, बीना गुप्ता, प्रिया सिंह, प्रिंसी, अपर्णा श्रीवास्तव,आरती वर्मा, नज़रीन बानो, राम प्रकाश पांडे, अशोक कुमार गुप्ता, देवेश सिंह, भूपेश सिंह, अभिनव सिंह, उदय शुक्ला आदि मौजूद रहे।