Hathras Gangrape Case: हाथरस केस पर अदालत का फैसला, 3 आरोपियों को किया बरी, एक को उम्रकैद

Hathras Gangrape Case: हाथरस गैंगरेप मामले में अदालत में चार आरोपियों में से तीन आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि एक आरोपी को दोषी करार दिया है।

Report :  Jugul Kishor
Written By :  aman
Update:2023-03-02 17:42 IST

हाथरस गैंगरेप मामले में तीन आरोपी बरी, एक दोषी करार (फोटो: सोशल मीडिया)

Hathras Gangrape Case: हाथरस के चर्चित गैंगरेप मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने गुरुवार (2 मार्च) को बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत में 4 आरोपियों में से 3 को बरी कर दिया है, जबकि एक आरोपी को दोषी करार दिया है। अदालत ने मुख्य आरोपी संदीप को गैर इरादतन हत्या व एसी-एसटी एक्ट में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आरोपी संदीप को धारा 3/110 SC-ST एक्ट और 304 IPC के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

एससी/एसटी कोर्ट ने आज हाथरस मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए 3 अन्य को बरी कर दिया। अदालत ने माना कि 4 आरोपी संदीप (20 वर्ष), रवि (35 वर्ष), लव कुश (23 वर्ष) और रामू (26 वर्ष) में से संदीप अपराध का दोषी था।

अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं

हाथरस के बहुचर्चित गैंगरेप और हत्याकांड में अदालत ने आरोपी संदीप को दोषी करार दिया। जबकि, 3 आरोपियों रामू, लव कुश और रवि को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में लंच के बाद दोषी को सजा सुनाई जाएगी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में चारों आरोपी मौजूद रहे। अदालत ने चार्जशीट पर अंतिम बहस के दौरान माना कि तीन आरोपियों रामू, लव कुश और रवि के खिलाफ अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाए।

पीड़ित परिवार ने लंबी लड़ी क़ानूनी लड़ाई 

आपको बता दें कि, यूपी के हाथरस में 2020 में हुए गैंगरेप और हत्या का ये मामला सुर्खियों में रहा था। दरिंदों ने एक दलित युवती के साथ पहले बलात्कार किया, फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। जिस पर आज अदालत का फैसला आया। इस क़ानूनी लड़ाई में कुछ संगठनों ने भी पीड़ित परिवार की सहायता की। मामला तूल पकड़ने के बाद यूपी सरकार ने वारदात के प्रति गंभीरता दिखाई। जिस वजह से रिकार्ड समय में चार्जशीट दाखिल हो सका। अब जब ट्रायल पूरा हो चुका है तो अदालत ने एक आरोपी को दोषी करार दिया।

क्या है मामला?

पुलिस की केस डायरी के अनुसार, पीड़ित युवती के साथ जब इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया था, उस वक्त उसकी आयु 19 वर्ष थी। आरोप पत्र (charge sheet) के मुताबिक, पीड़िता लगातार विरोध कर रही थी। इसलिए उसका मुंह बंद करने की आरोपियों ने कोशिश की। आरोपियों ने पीड़िता की जीभ काट दी। गंभीर हालत में पीड़िता को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज (JN Medical College, Aligarh) में भर्ती कराया गया। जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया। आख़िरकार इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया। ये वारदात 14 सितंबर 2020 को अंजाम दी गई। पीड़िता की मौत 29 सितंबर 2020 को हो गई थी।

पुलिस ने एहतियातन बढ़ाई सुरक्षा

अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद पुलिस ने अदालत परिसर के साथ ही पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है। पीड़ित परिवार के गांव में भी एहतियातन सुरक्षा बलों की तैनाती हुई है। गुरुवार की सुबह मामले की सुनवाई के दौरान चारों आरोपियों को पुलिस ने भारी सुरक्षा के बीच अलीगढ़ जेल (Aligarh Jail) से हाथरस कोर्ट पहुंचाया।

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