मानसिक रोगियों पर अत्याचार के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

याची का कहना है कि मजार में रोगियों के इलाज के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। मानसिक रोगियों को जंजीरों में बांधकर रखा गया है। मजार की झांडफूंक से मानसिक रोगियों के इलाज का झूठा दावा किया जा रहा है किन्तु लंबे समय से मजार पर इलाज करा रहे मरीजों की हालत में सुधार नहीं हो रहा है।

Update: 2016-11-10 14:59 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लूकरगंज स्थित दरगाह मुनव्वर शाह बाबा में जंजीर से जकड़े मानसिक रोगियों का इलाज मानसिक हास्पिटल में कराने तथा रहने आदि की सुविधाएं देने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से एक हफ्ते में जानकारी मांगी है।

अमानवीय स्थिति

-यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने इलाहाबाद की सामाजिक संस्था 'मुहिम' की जनहित याचिका पर दिया है।

-याचिका पर चार्ली प्रकाश ने बहस की। याची का कहना है कि मजार में रोगियों के इलाज के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।

-मानसिक रोगियों को जंजीरों में बांधकर रखा गया है।

-मजार की झांडफूंक से मानसिक रोगियों के इलाज का झूठा दावा किया जा रहा है किन्तु रिपोर्ट में बताया गया है कि लंबे समय से मजार पर इलाज करा रहे मरीजों की हालत में सुधार नहीं हो रहा है।

-दूसरी तरफ, मजार के प्रबंधक सैयद फैजुद्दीन अल लेह का दावा है कि हजारों मरीज आते हैं और वे ठीक हो रहे हैं।

-कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका की अगली सुनवाई 17 नवम्बर को होगी।

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