गरीबों के लिए खुला बाबा कीनाराम आश्रम का दरवाजा, सैकड़ों लोगों ने ली शरण
लॉकडाउन के चलते मज़दूरी करके पेट पालने वाले लाखों लोगों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है। मुश्किल की इस खड़ी में बनारस के मंदिरों ने भी अपने दरवाजे को गरीबों की मदद के लिए खोल दिये हैं।
वाराणसी। लॉकडाउन के चलते मज़दूरी करके पेट पालने वाले लाखों लोगों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है। मुश्किल की इस खड़ी में बनारस के मंदिरों ने भी अपने दरवाजे को गरीबों की मदद के लिए खोल दिये हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर और संकट मोचन मंदिर के बाद अब बाबा कीनाराम आश्रम भी गरीबों की मदद कर रहा है।
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गरीबों के लिए बन रहा सुबह-शाम भोजन
बाबा कीनाराम का आश्रम अघोर पंथ का सबसे बड़ा केंद्र है। सिर्फ देश ही नहीं दुनिया के अलग-अलग कोने में इस आश्रम से जुड़े अनुयायी हैं। ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया पर कोरोना की आपदा पड़ी है तो कीनाराम आश्रम गरीबों और निराश्रितों की मदद करने के लिए आगे आया है। रविन्द्रपुरी स्थित आश्रम में सुबह-शाम हजारों लोगों के भोजन तैयार हो रहा है। आश्रम के साधु संत और कर्मचारी दिन रात गरीबों की सेवा में लगे हैं। तैयार भोजन को पुलिस की मदद से गरीबों के बीच बंटवाया जाता है। आश्रम में व्रती लोगों के लिए खास तौर पर ध्यान रखा जाता है।
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आश्रम ने दिया सैकड़ों लोगों को शरण
लॉकडाउन के चलते हजारो लोग बनारस में फंसे हैं। इन लोगों में से कई ऐसे हैं जिन्होंने कीनाराम आश्रम में शरण ले रखी है। आश्रम के प्रबंधक अरुण सिंह कहते हैं कि दुनिया के ऊपर कोरोना वायरस का भीषण संकट है। लाखों लोगों के सामने भोजन का संकट है। इसलिए हमने तय किया है कि अपने स्तर से गरीबों , दिहाड़ी मजदूरों की मदद की जाए। फिलहाल आश्रम में प्रतिदिन 2 हजार लोगों का भोजन तैयार किया जाता है। इसे जिला प्रशासन के अधिकारियों की मदद से जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है।
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