यहां हुआ भारत के राजकीय प्रतीक का दुरूपयोग

भारत के राजकीय प्रतीक के दुरूपयोग किये जाने के मामले सामने आ रहे। यदि कोई सामान्य व्यक्ति इसका दुरूपयोग करे तो उसे अनभिज्ञतावश किया गया कार्य कहा जा सकता है

Update:2020-02-26 20:57 IST

अम्बेडकरनगर। भारत के राजकीय प्रतीक के दुरूपयोग किये जाने के मामले सामने आ रहे हैं। यदि कोई सामान्य व्यक्ति इसका दुरूपयोग करे तो उसे अनभिज्ञतावश किया गया कार्य कहा जा सकता है लेकिन यदि कोई पढ़ा लिखा व जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति इस प्रकार के कृत्यों को अंजाम देता है तो उसे क्या कहा जा सकता है। ताजा मामला अम्बेडकरनगर जिले के एक थाने का है। जहां थाना प्रभारी द्वारा अपने व्हाटस एप की डीपी पर भारत के राजकीय चिन्ह अशोक की लाट को लगाया गया है।

विवादास्पद पोस्ट डालकर आए थे चर्चा में

अहिरौली थाने के प्रभारी संजय सिंह ने अशोक की लाट को अपनी व्हाट्सऐप की डीपी पर लगाया। अशोक की लाट लगाकर चर्चा में आ गये हैं कुछ दिन पूर्व एक विवादास्पद पोस्ट को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। अधिसूचना के तहत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप राष्ट्रपति, केन्द्रीय मंत्री, गवर्नर, लेफ्टिनेंट गवर्नर, प्रशासक, संसद कार्यालय और आधिकारी, प्लानिंग कमीशन के अधिकारी व मुख्य चुनाव आयुक्त सहित कुल 16 पदों को ही इस प्रतीक के इस्तेमाल का अधिकार है।

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इसका उलंघन करने पर तीन साल की सजा का प्राविधान है। इसके बावजूद थानाध्यक्ष अहिरौली द्वारा खुलेआम इसका माखौल उड़ा रहे हैं। गौरतलब है कि अहिरौली थानाध्यक्ष द्वारा ही 16 फरवरी को किये गये एक पोस्ट में ब्राह्मणों व देवी देवताओं के सम्बन्ध में विवादास्पद टिप्पणी की जा चुकी है।

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