राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा- महिलाएं शिक्षित होंगी, तभी सामाजिक कुरीतियों से बचेंगी

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज 75 जिलों की महिलायें अपने उत्पाद के साथ राजभवन में उपस्थित हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वे आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।

Update: 2021-03-08 12:38 GMT
राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा- महिलाएं शिक्षित होंगी, तभी सामाजिक कुरीतियों से बचेंगी

लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलाओं के शिक्षित होने से वे विभिन्न सामाजिक कुरीतियां जैसे दहेज प्रथा, नशा उन्मूलन, लिंग भेद से भी लड़ सकेंगी, क्योंकि उनके दुष्परिणाम से भी वे भलीं-भाति परिचित होंगी। उन्होंने कहा कि इन सामाजिक कुरीतियों से प्रत्येक महिला को गुजरना होता है। इसलिये अपनी बेटियों को शिक्षित करायें ताकि वे विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से बच सकें।

महिला समृद्धि महोत्सव का राज्यपाल ने किया शुभारंभ

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज राजभवन स्थित बड़ा लान में नाबार्ड तथा सहयोगी संस्थाओं किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय एवं एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के सहयोग से ‘महिला समृद्धि महोत्सव’ का शुभारम्भ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया।

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किसी भी समाज के विकास की धुरी हैं महिलाएं

इस अवसर पर राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के 75 जिलों से आये स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि मातृशक्ति के उत्थान के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। क्योंकि महिलाएं किसी भी समाज के विकास की धुरी हैं। एक महिला के विकास का मतलब है एक पूरे परिवार का विकास। इसलिए समाज के हर वर्ग को महिला उत्थान की दिशा में अपना सक्रिय एवं सार्थक योगदान देना चाहिए।

(फोटो- सोशल मीडिया)

राज्यपाल ने दिया ये सुझाव

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज 75 जिलों की महिलायें अपने उत्पाद के साथ राजभवन में उपस्थित हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वे आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अपनी आमदनी को परिवार के पठन-पाठन एवं उत्थान के कार्यों में लगायें ताकि परिवार शैक्षिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त हों और आपके बच्चे आपकी ताकत बन सकें।

इस अवसर पर राज्यपाल ने नाबार्ड द्वारा उत्तर प्रदेश की 10,000 ग्रामीण महिलाओं को 1,000 स्वयं सहायता समूहों के रूप में संगठित करने हेतु एक करोड़ रूपये की धनराशि का स्वीकृत पत्र भेंट करते हुये नाबार्ड को निर्देश दिया कि यह धनराशि और अधिक होनी चाहिये।

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समाज और घर को संवारने में महिला की अहम भूमिका

बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा किसी भी समाज अथवा घर को सजाने संवारने में महिला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिये हर किसी महिला के महत्व को समझना चाहिये। यदि महिलायें आत्मनिर्भर बनेंगी तो आर्थिक रूप से सशक्त होगी और उनका घर परिवार तथा देश भी सशक्त होगा।

नाबार्ड के मुख्य महा प्रबन्धक डॉ. डी.एस. चैहान ने बताया कि स्वयं सहायता समूह बैंक सहबद्धता कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अभूतपूर्व प्रयास है अभी तक देश में एक करोड़ महिला समूहों के माध्यम से लगभग 12 करोड़ ग्रामीण परिवारों को बैकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा चुका है।

उत्तर प्रदेश में भी 5 लाख समूहों का बैंक खाता खुल चुका है, जिसमें लगभग 550 करोड़ रुपये समूहों की बचत जमा है और लगभग 1.50 लाख समूहों को क्रेडिट लिंक किया गया है। इस प्रकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 50 लाख परिवारों का आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया गया।

कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल श्री महेश कुमार गुप्ता, महा प्रबन्धक नाबार्ड डा डीएस चैहान, किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय एवं एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति तथा बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी मौजूद थीं।

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

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