मोजर बियर के बंद यूनिट में IT की रेड, बैंको का करीब 4500 करोड़ था बकाया
यूनियन के लोगों ने बताया कि कंपनी को कर्मचारियों के वेतन के रूप में करीब 100 करोड़ रुपए देने है। लेकिन अब तक एक रुपया भी कर्मचारियों को नहीं दिया गया। इसके लिए वह एनसीएलटी में जा चुके है। यहा उन्हें राहत मिली है। बताते चले हाल ही में एनसीएलटी के निर्देश पर नोएडा स्थित प्लांट को गैलेक्सी कंपनी ने 72.5 करोड़ रुपए में खरीदा है।
नोएडा: आयकर विभाग ने रविवार को फेज-2 स्थित मोजर बियर में छापा मारा। देररात से विभागीय टीम कंपनी में मौजूद कागजी दस्तावेजों को खंगाल रही है। हालांकि यह जमीन और इस पर बनी इमारत को निलामी के बाद गैलेक्सी कंपनी ने खरीद लिया है। विभागीय टीम को टेक्स चोरी से संबंधित काफी अहम दस्तावेज मिले है। इस कंपनी के पूर्व कर्मचारी व यूनियन से जुड़े लोग भी कंपनी के बाहर पहुंच गए। बताया गया कि कंपनी का निदेशक दीपक पुरी व अनीता पुरी है।
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आयकर सूत्रों ने बताया कि ठोस इनपुट के बाद ही नोएडा के अलावा कई ठिकानों पर एक साथ देर रात 3 बजे कार्रवाई शुरू की गई। जिसमे मोजर बियर के दफ्तर भी खंगाले गए। यूनियन से जुड़े लोगों ने बताया कि जनपद में मोजर बियर कंपनी के तीन प्लांट है। पहला नोएडा फेज-2 के ए-164 स्थित मोजर बियर इंडिया लिमिटेड जिसमे सीडी व डीवीडी बनाने का काम होता था।
उस दौरान कंपनी में 4000 कर्मचारी थे
इसके अलावा ग्रेटरनोएडा स्थित जीएन-66 मोजर बियर इंडिया लि. यहा सीडी डीवीडी, पैन ड्राइव व एलईडी का प्लांट था। इसी में ही सोलर प्लांट भी था। यूनियन के अध्यक्ष महेश चंद शर्मा ने बताया कि इन तीनों प्लांटों को मिलाकर कंपनी पर कुल 4500 करोड़ रुपए बैंक कर्जा था। इसी के चलते 2007 से ही कंपनी ने अपनी बैलेंस शीट में फेरबदल करनी शुरू कर दी। 2012 में नोएडा का प्लांट बंद कर दिया गया। उस दौरान कंपनी में 4000 कर्मचारी थे। जिसमे से करीब 1200 कर्मचारियों को ग्रेटरनोएडा प्लांट शिफ्ट किया गया। 4 नवंबर 2017 को कंपनी ने ग्रेटरनोएडा प्लांट कर दिया गया।
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बंद करने से एक नवंबर 2017 को कंपनी के प्रबंधन की ओर से एक मेल आया कि कच्चा तेल का प्रयोग नहीं किया जाएगा लिहाजा दो दिन कंपनी बंद रहेगी। 4 नवंबर को कंपनी खोली जाएगी। चार नवंबर को सुबह की शिफ्ट के लोग कंपनी पहुंचे तो वहां तख्ती पर बंद की सूचना थी।
प्रतिमाह 50 से 150 मिलियन यूनिट का था आर्डर
कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि तीनों ही यूनिट में बहुत काम था। यहा प्रतिमाह 50 मिलियन (सीडी, डीवीडी, पैन ड्राइव, मेमोरी कॉर्ड) इत्यादि बनाए जाते थे। एक आद महीने तो ऐसे होते थे 150 मिलियन तक आर्डर प्रतिमाह तैयार किया । लेकिन कंपनी को क्यो बंद किया गया इसका स्पष्ट कारण अब तक नहीं बताया गया। करीब 2000 कर्मचारी अब भी सड़को पर है। इनको कई सालों से तंख्वा तक नहीं दी गई। ऐसे में यूनियन की ओर से एनसीएलटी, ईओडब्ल्यू में अपील की गई है।
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100 करोड़ रुपए देनी है वेतन
यूनियन के लोगों ने बताया कि कंपनी को कर्मचारियों के वेतन के रूप में करीब 100 करोड़ रुपए देने है। लेकिन अब तक एक रुपया भी कर्मचारियों को नहीं दिया गया। इसके लिए वह एनसीएलटी में जा चुके है। यहा उन्हें राहत मिली है। बताते चले हाल ही में एनसीएलटी के निर्देश पर नोएडा स्थित प्लांट को गैलेक्सी कंपनी ने 72.5 करोड़ रुपए में खरीदा है।