जौनपुर: सरकारी अस्पताल के डाॅक्टर मरीजों को बाहर से लिखते हैं दवाएं

चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि करंजाकला से अधिक टी.बी. के मरीज आते हैं। जिलाधिकारी ने  पैथोलॉजी का भी निरीक्षण किया।

Update: 2021-03-20 13:54 GMT
डीएम के निरीक्षण में खुली पोल अस्पताल के चिकित्सक मरीजों को बाहर से लिखते हैं दवायें

जौनपुर। जनपद के जिला अस्पताल में मरीज़ को अस्पताल से दवा देने के बजाय डाक्टर बाहर की दवायें लिखते हैं। इसका कारण चिकित्सक बताते हैं कि अस्पताल में दवायें नहीं उपलब्ध है। इस बात का खुलासा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा आज जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण के दौरान हुआ है। हालांकि जिलाधिकारी ने चिकित्सकों द्वारा बाहर से दवा लिखने पर नाराजगीजताते हुए अधीक्षक अस्पताल को फटकार लगाने के बाद निर्देश दिया कि दवाओं की व्यवस्था करायी जाये।

चिकित्सक बाल रोग विशेषज्ञ

आज जिलाधिकारी अचानक जिला अस्पताल पहुंच गये निरीक्षण के दौरान मरीज कामरान को बाहर की दवा लिखे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने बाहर से दवा न लिखने के निर्देश दिया। चिकित्सक बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि अस्पताल में मेट्रोजिल दवा खत्म है जिसकी वजह से परेशानी हो रही है। जिलाधिकारी ने चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश देते हुए कहा कि बेसिक दवायें अस्पताल में अवश्य रखे तथा बाहर की दवा किसी को न लिखी जाये।

 

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टीकाकरण की स्थिति

जिलाधिकारी ने कोरोना टीकाकरण की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के समय तक 66 लोगो का टीकाकरण किया जा चुका था। जिलाधिकारी ने टीकाकरण की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी द्वारा टी.बी. जाँच केंद्र का भी निरीक्षण किया। टी.बी. के दो मरीजो के सैम्पल ले लिये गये थे। जिलाधिकारी ने पूछा कि सबसे अधिक टी.बी. के मरीज किस ब्लॉक से आते है।

टी.बी. के मरीज

चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि करंजाकला से अधिक टी.बी. के मरीज आते हैं। जिलाधिकारी ने पैथोलॉजी का भी निरीक्षण किया। डॉक्टर सैफ खान द्वारा मशीनों तथा जाँच करने की गुणवत्ता की जानकारी दी गयी। लैब की दीवारों को सुन्दर बनाने के लिए दीवारों पर वॉलपेपर लगाए जाने तथा लैब में साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए।

 

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अस्पताल में कोई परेशानी तो नहीं

अस्पताल में बने डायलिसिस यूनिट का भी निरीक्षण किया तथा मरीजो से पूछा कि अस्पताल में कोई परेशानी तो नहीं होती। मरीजों ने बताया कि उन्हें अस्पताल में कोई परेशानी नही है। अयोध्या से आये मरीज अब्दुल कयूम ने बताया इसके पहले मेरा इलाज लखनऊ में चल रहा था, वहाँ एक बार मे 1200 रुपये लगते थे साथ ही आने जाने में भी बहुत दिक्कत होती थी। उन्होंने बताया कि जब से यहाँ इलाज करा रहे हैं तब से पैसे भी नहीं लगते और न ही आने जाने में दिक्कत होती है।

 

कपिल देव मौर्य जौनपुर

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