Jhansi News: स्मार्ट सिटी के ओपन जिमों की सेहत खराब, बंद पड़े हैं 42 ओपन जिम

Jhansi News: महानगर के अधिकांश ओपन जिम वीरान से नजर आने लगे हैं। शुल्क लगने की वजह से यहां एक्सरसाइज करने वाले युवाओं ने आना बंद कर दिया है। ऐसे में अधिकांश जिम के बाडे में अक्सर ताला लटका नजर आता है।

Report :  Gaurav kushwaha
Update: 2024-07-31 14:18 GMT

Open Gyms (Pic: Newstrack)

Jhansi News: महानगर के अधिकांश ओपन जिम वीरान से नजर आने लगे हैं। शुल्क लगने की वजह से यहां एक्सरसाइज करने वाले युवाओं ने आना बंद कर दिया है। ऐसे में अधिकांश जिम के बाडे में अक्सर ताला लटका नजर आता है। हालांकि स्मार्ट सिटी इन ओपन जिम में से 11 को संस्थाओं या विभागों को हैंडओवर कर चुका है। वहीं, स्मार्ट सिटी के पास अब भी 31 जिम हैं, जहां इनके सुचारू संचालन की कवायद की जा रही है।

झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 5 वर्ष पूर्व महानगर के 42 छोटे-बड़े पार्कों में ओपन जिम बनाए गए थे। यहां अत्याधुनिक उपकरण भी रखे गए थे। मकसद था कि नौजवान पीढ़ी यहां कसरत करके अपने को सेहतमंद बना सके। यहां प्रशिक्षित ट्रेनर भी रखने की योजना थी। इन 42 जिम में से 11 जिम तो निजी संस्थाओं या संबंधित विभागों के हैंडओवर कर दिए गए। बाकी बचे 31 जिम जहां कसरत करने का न्यूनतम शुल्क दस रुपये निर्धारित किया गया है। शुरूआत में तो सब ठीक ठाक रहा। लेकिन बाद में कुछ पार्षदों ने यहां लगने वाले रोजाना 10 रुपए (मासिक सदस्यता 200 रुपए तथा वार्षिक 700 रुपए) का विरोध करना शुरू कर दिया। तर्क दिए जाने लगे कि उनका मोहल्ला मलिन बस्ती में है इसलिए वे शुल्क अदा नहीं कर सकते। इन हालातों में इन जिमों का संचालन करना भारी पड़ने लगा। यहां प्रशिक्षित ट्रेनर रखना मुश्किल हो गया। ऐसे में यह जिम राम भरोसे हो गए हैं। अब मुहल्ले के युवा यहां आते तो हैं, परंतु बिना ट्रेनर के थोड़ी बहुत एक्सरेजाइज करके या टहलकर चले जाते हैं।

स्मार्ट सिटी दे रहा 1.80 लाख रुपए

पूर्व में बनाए गए 42 ओपन जिम में से 11 संस्थाओं और संबंधित विभागों को हैंडओवर करने के बाद 31 जिम बचे हैं। इनके रखरखाव व ट्रेनर के वेतन देने का काम स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कांट्रेक्टर को सौंप दिया है। मजे की बात तो यह है कि स्मार्ट सिटी 31 ओपन जिम के रख रखाव और जिम ट्रेनर के वेतन के नाम पर कांट्रेक्टर को प्रतिमाह सिर्फ 1 लाख 80 हजार रुपए दे रहा है। ऐसे में एक जिम पर सिर्फ 6 हजार रुपए की धनराशि प्रतिमाह दी जा रही है। साथ ही शर्त यह है कि ओपन जिम से शुल्क के नाम पर जो पैसा आएगा वह कांट्रेक्टर स्मार्ट सिटी को सौंप देगा।

आश्चर्य की बात तो यह है कि 6 हजार रुपए में जिम के उपकरणों में होने वाली टूट फूट की मरम्मत और ट्रेनर का वेतन शामिल है। इतनी कम राशि अदा करने पर पार्षद भड़क रहे हैं। वार्ड 33 नानकगंज के पार्षद दिनेश प्रताप सिंह बंटी राजा का कहना है कि एक प्रशिक्षित जिम ट्रेनर को कम से कम प्रतिमाह 20 हजार रुपए प्रतिमाह मिलने चाहिए। जिम में आने वाले युवाओं को निर्धारित शुल्क तो अदा करना चाहिए। युवा अपने शौक पर हजारों रुपए तो खर्च कर देते हैं परंतु अपना स्वास्थ्य बनाने के लिए रोज मात्र दस रुपए खर्च नहीं कर सकते।

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