तीसरे शाही स्नान को सफल बनाना संत समाज व प्रशासन की संयुक्त जिम्मेदारी: नरेंद्र गिरी

बसंत पंचमी कुंभ का तीसरा एवं अन्तिम शाही स्नान है इसमें ऐसी व्यवस्था बनायी जाय जिससे शाही स्नान और अधिक सुन्दर ढंग से सम्पन्न हो तथा सभी अखाड़े समय के अनुशासन का पालन करें।

Update:2019-02-06 21:49 IST

आशीष पाण्डेय

कुंभ नगर: बसंत पंचमी कुंभ का तीसरा एवं अन्तिम शाही स्नान है इसमें ऐसी व्यवस्था बनायी जाय जिससे शाही स्नान और अधिक सुन्दर ढंग से सम्पन्न हो तथा सभी अखाड़े समय के अनुशासन का पालन करें।

उक्त बातें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने बसंत पंचमी के शाही स्नान को सफल बनाने के लिए एसएसपी कार्यालय के अलकनन्दा सभागार में प्रशासन एवं संतों की संयुक्त बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि अखाड़ों के शाही स्नान मार्ग में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश न होने पाये।

उन्होंने बैठक के बाद में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए यह भी कहा कि अखाड़ा परिषद प्रशासन के कार्यों से पूरी तरह संतुष्ट एवं प्रसन्न है तथा स्नान के बहिष्कार का जो समाचार मीडिया द्वारा चलाया गया वह पूरी तरह से बेबुनियाद व निराधार है और मैं उसका खण्डन करता हूं।

महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने पिछले शाही स्नान को सकुशल सम्पन्न हो जाने को भगवान प्रयागराज का प्रताप बताते हुए सभी सन्त समाज को बधाई दी तथा अधिकारियों के अथक परिश्रम तथा साहस की सराहना भी की।

उन्होंने बसन्त पंचमी के आगामी शाही स्नान को पुनः सफल बनाने तथा सम्पन्न कराने के लिए संत समाज और अधिकारियों को एकजुट होकर प्रयागराज और देश का नाम रोशन करने का आवाहन किया।

यहां बता दे कि अखाड़ा परिषद की बैठक प्रारम्भ होने से पूर्व एडीजी एस.एन.साबत, मण्डलायुक्त ड़ॉ आशीष कुमार गोयल, आईजी मोहित अग्रवाल, डीआईजी मेला के.पी.सिंह तथा मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने सभी संतों का माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम से सम्मानित किया तथा उन्हें प्रणाम कर कुम्भ 2019 के सफल होने का आर्शीवाद मांगा।

बसन्त पंचमी पर शाही स्नान के लिये बनाई गई रणनीति

बसन्त पंचमी के आगामी शाही स्नान की तैयारियों के दृष्टिगत सकुशल सम्पन्न कराने के सम्बन्ध में व्यवस्थित रणनीति बनायी गयी तथा स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी, महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि, तथा सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

संतों ने बैठक में उपस्थित अपर पुलिस महानिदेशक एस.एन.साबत, मण्डलायुक्त डॉ आशीष कुमार गोयल, आईजी मोहित अग्रवाल, डीआईजी कुम्भ के.पी.सिंह, मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द से सकरात्मक ढंग से विचार-विमर्श किया।

बैठक में मौनी अमावस्या तथा मकर सक्रान्ति स्नान के अनुभवों के आधार पर बसन्त पंचमी के स्नान को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने की चर्चा हुयी।

बैठक में आम सहमति से यह निर्णय लिया गया कि सभी अखाड़े अपने समय-सारणी का अनुपालन करते हुए अपने लिए निर्धारित क्रम में शाही स्नान करेंगे तथा इस क्रम में यदि कोई छूट जाता है तो वह आखिरी तेरहवें अखाड़े के स्नान के उपरान्त सभी अखाड़ों के छूटे हुए महात्मा या भक्त एक साथ मे स्नान करेंगे। किन्तु किसी भी दशा में निर्धारित क्रम तथा समय सीमा को प्रभावित होने से रोका जायेगा। जिससे सभी अखाड़ों के निर्धारित समय सीमा में स्नान करने में कोई असुविधा न हो।

इस बात पर सहमति बनी कि आगामी स्नान में निर्धारित आकार के छोटे वाहनों को ही शाही स्नान यात्रा में प्रयोग किया जायेगा। पाण्टून पुलों की भार क्षमता को देखते हुए बड़े वाहन शाही स्नान यात्रा में प्रतिबन्धित रखे जायेंगे। शाही स्नान शोभा यात्रा का मार्ग खुला और सुगम रखने के लिए उस रूट पर खड़ी रहने वाली गाडियों को स्नान के पूर्व दिनांक 8 फरवरी से ही पार्किंग मे रख देने का निर्णय लिया गया।

प्रशासन के इस अनुरोध पर यह भी सहमति बनी कि अखाड़े अपनी शोभा यात्रा में चलने वाले वाहनों की संख्या एवं सूची पहले से प्रशासन को अवगत करा दें तथा शोभा यात्रा में चलने वाले भक्तजनों का पहचान पत्र भी सुनिश्चित करायें। इसके अलावा शाही स्नान यात्रा के निर्धारित मार्ग में किसी बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश न हो।

इसके लिए बैरिकेटिंग को और मजबूत करते हुए उस पर डबल जालियां लगा दी जायेगी। इस क्रम में संत समाज के सुझाव पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाते हुए पुलिस बल अधिक मात्रा में तैनात कर दिये जाने की व्यवस्था बनायी गयी। अखाड़ों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने स्तर से चार-चार व्यक्तिनामित कर दें, जो शाही स्नान मार्ग पर अपने अखाड़े से जुड़े लोगों को पहचान कर उन्हें जूलूस में प्रवेश दिलायें तथा अनाधिकृत व्यक्तियों को रोकने में भी मदद करें। इस कार्य में प्रत्येक अखाडे के साथ एक सीओ एवं एक एसडीएम को तैनात करने तथा स्नान सम्पन्न कराने तक साथ चलने की व्यवस्था पर सहमति बनी।

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