आत्महत्या का लाइव: 20 लाख रुपए बना मौत की वजह, पुलिस जांच में जुटी

आत्महत्या करने से पहले उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें उसने उन  लोगों का नाम उजागर किया है।  जिन्होंने उसे किसी झूठे सेक्स रैकेट कांड में फंसा कर उसके मकान सहित लाखों रुपए नगदी हड़प लिए और आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है।

Update: 2020-09-09 07:01 GMT
ड्राइवर रामकुमार दुबे ने आत्महत्या करने से पहले उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें उसने उन  लोगों का नाम उजागर किया है।  

ललितपुर : स्वास्थ्य विभाग में तैनात ड्राइवर रामकुमार दुबे ने उत्पीडऩ के चलते अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । आत्महत्या करने से पहले उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें उसने उन लोगों का नाम उजागर किया है। जिन्होंने उसे किसी झूठे सेक्स रैकेट कांड में फंसा कर उसके मकान सहित लाखों रुपए नगदी हड़प लिए और आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है।

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घर में फांसी लगाकर आत्महत्या

उसने बताया कि इस मामले को निपटाने के लिए उसने उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम सेवा योजन राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ मन्नू कोरी पर भी आरोप लगाए, जिन्होंने लाखों रुपए लेने के बाद भी मामला नहीं निपटाया। जिसके चलते उसने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

मेजिस्ट्रीयल जांच

ये मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद मामले की मेजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए गए है और जांच रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। इस मामले में पार्टी के नेताओं के साथ विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है।

पूरा मामला

ये ताजा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मुहल्ला आजादपुरा का है जहां पीडि़त ड्राइवर राजकुमार दुबे ने मकान आजादपुरा में सुबह करीब 4 बजे फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। बता दें मृतक राजकुमार दुबे का शव अपने ही घर में फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया गया । सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। इसके थोड़ी देर बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसने जनपद की राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ पुलिस महकमे में भी हड़कंप की स्थिति उत्पन्न कर दी।

 

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दबाव में सुसाइड

वायरल वीडियो में मृतक राजकुमार दुबे ने यह बताया है कि यह वीडियो वह आत्महत्या करने से पहले बना रहा है जिसमें उसने स्पष्ट रूप से अपने बयान दिए कि वह सीएमओ ऑफिस में ड्राइवर के पद पर तैनात है । उसके साथ राजेंद्र सिंह यादव तथा पप्पू खान आलू वाले मंडी और जयंत सिंह उर्फ चंद्रपाल सिंह पुत्र शीतल सिंह परमार निवासी ग्राम सेरवास आदि ने उसे पहले तो सेक्स रैकेट में फंसाया। इसके बाद सभी लोगों ने मिलकर दबाब बनाकर उससे उसका मकान और नगदी 20 लाख रुपये जबरन हड़प लिये ।

 

राज्यमंत्री की मिलीभगत

जब वह राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ उफऱ् मन्नू कोरी के पास यह मामला लेकर गया तो उन्होंने इस मामले से बचाने के लिए उससे 20 लाख रुपए ले लिए और उसे नहीं बचाया जिसकी वजह से वह 1 साल जेल में रहा। इसके बाद जमानत पर छूटने के बाद जब वह आया तो बृजेश खरे एवं मनोज ने उससे पुन: 50 हजार रुपए मांगे, नहीं तो दोबारा जेल भिजवाने की धमकी दी। इस वीडियो में उसने यह भी बताया कि अब उसके पास कुछ नहीं बचा है और कई लोग उसे फिर से पैसे के लिए दबाव बना रहे हैं जिससे परेशान होकर वह आत्महत्या कर रहा है । वीडियो में उसने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को संबोधित कर सजा दिलाने की मांग की है।

 

वायरल वीडियो का मामला

इस वायरल वीडियो का मामला जिला अधिकारी योगेश कुमार शुक्ल की संज्ञान में आने के बाद उन्होंने उक्त पूरे मामले की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जैसे ही जांच हो जाएगी उसके बाद दोषियों पर विधिक कानूनी प्रकिया आरोपियों के खिलाफ की जाएगी। इस मामले में पक्ष-विपक्षी किसी भी नेता ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

रिपोर्टर- बी के कुशवाहा

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