यहां डॉक्टर के बजाय ये करते हैं इलाज, इस तरह हुआ खुलासा
निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक जो सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं। परंतु लोगों ने बताया कि वह बैठते नही। नर्सिंग होम का संचालन कंपाउंडर ही करता है और मरीज को भर्ती कर इलाज किया करता है। इसी क्रम में 18 तारीख को पिता अपने बीमार बच्चे को लाकर भर्ती किया सोमवार उसने बताया कि कंपाउंडर ने जरूरत से ज्यादा मात्रा में इंजेक्शन लगा दिया।
भदोही: गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग के मिर्ज़ापुर तिराहे पर एक मेडिकल स्टोर पर 18 तारीख को 5 दिन के बच्चे की तबियत खराब होने पर कलिंजरा निवासी संदीप कुमार गौतम पुत्र रामचंद्र गौतम ने अपने नवजात बच्चे को मेडिकल में और पत्नी सुशीला को एक दुसरे हास्पिटल में भर्ती किया था। बच्चे का जन्म कोईरौना के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हुआ लेकिन तबियत सही न होने से इलाज प्राइवेट जगह करा रहे थे।
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बताया जाता है निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक जो सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं। परंतु लोगों ने बताया कि वह बैठते नही। नर्सिंग होम का संचालन कंपाउंडर ही करता है और मरीज को भर्ती कर इलाज किया करता है। इसी क्रम में 18 तारीख को पिता अपने बीमार बच्चे को लाकर भर्ती किया सोमवार उसने बताया कि कंपाउंडर ने जरूरत से ज्यादा मात्रा में इंजेक्शन लगा दिया।
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बच्चे की हालत बिगड़ने पर हमसे पैसे मांग कर रुई में लपेट कर बोला इसे सरकारी अस्पताल ले जाओ। परिजनों ने बच्चे को देखा तो मृत था जिसे लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ जाम कर मुकदमे की मांग करने लगे।
मौके पर पहुंचे कोतवाली के प्रभारी कृष्णानंद राय ने मुकदमा कायम करने हेतु कोतवाली ले आये जहां पर पोस्टमार्टम के नाम पर परिजन नही तैयार हुए। लाख प्रयास के बाद भी मुकदमा लिखाने को तैयार हुए बच्चे के शव को लेकर परिजन चले गए।