सावधान लखनऊ वालों: राजधानी की हवा हुई खराब, सामने आई रिपोर्ट
इससे पहले बीती 17 अक्टूबर को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 249 था। इसके बाद एक्यूआई में सुधार देखने को मिला था लेकिन रविवार को यह 300 पर पहुंच गया और सोमवार को तो एक्यूआई 341 पर पहुंच गया।
लखनऊ: सावधान, लखनऊ की हवा में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। राजधानी लखनऊ अत्याधिक दूषित हो चुकी है। राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 341 पर पहुंच गया जिसे अधिक खराब की स्थिति में माना जाता है। हवा में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत हो रही है।
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बीती 17 अक्टूबर को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 249 था
इससे पहले बीती 17 अक्टूबर को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 249 था। इसके बाद एक्यूआई में सुधार देखने को मिला था लेकिन रविवार को यह 300 पर पहुंच गया और सोमवार को तो एक्यूआई 341 पर पहुंच गया। हालांकि पहले प्रदूषण बढ़ने का मामला केवल औद्योगिक क्षेत्र तक ही सीमित था लेकिन अब इसने राजधानी के लालबाग और हजरतगंज जैसे व्यवसायिक क्षेत्रों के साथ ही गोमती नगर और अलीगंज जैसे आवासीय क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लिया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा राजधानी में प्रदूषण के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को आवासीय क्षेत्रों में अलीगंज में एक्यूआई 337 तो गोमती नगर में 320 रहा। जबकि व्यवसायिक क्षेत्रों में लालबाग और हजरतगंज में 366 तथा तालकटोरा में 374 रहा।
फ्लाईओवर के निर्माण करने वाली निर्माण इकाइयों को नोटिस जारी किया था
इससे पहले बीती 17 अक्टूबर को जब राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 249 पर पहुंच गया तो जांच करने पर पता चला कि हवा में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ गई है। इसके बाद चेते राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन ने आनन-फानन में राजधानी के किसान पथ पर चल रहे निर्माण कार्य करा रही इकाइयों, तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र के तीन फैक्ट्रियों तथा शहर में चल रहे कई फ्लाईओवर के निर्माण करने वाली निर्माण इकाइयों को नोटिस जारी किया था।
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साथ ही बोर्ड ने शहर की प्रमुख सड़कों पर धूल और अन्य हानिकारक कणों की जांच भी करायी थी, जिसमें सामने आया था कि शहर के वायु प्रदूषण में पीएम 10 का 78 प्रतिशत तथा पीएम 2.5 का 66 प्रतिशत सड़क की धूल के कारण हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा लखनऊ जिला प्रशासन ने भी नगर निगम समेत 06 विभागों के साथ बैठक कर हवा को शुद्ध रखने की योजना पर काम शुरू किया था। लेकिन इतनी कवायदों के बाद भी राजधानी की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है।
मनीष श्रीवास्तव
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