Lucknow News: लखनऊ अनाथालय के बच्चों का दर्द बयां करती कहानी, आखिर कौन उजाड़ना चाहता है बेसहारा बच्चों का घर?

Lucknow News: आशंका है कि कोई हम लोगों को यहां से हटाना चाहता है। हांलाकि डीएम ने नोटिस पर स्टे ऑर्डर दे दिया है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update:2023-03-04 19:02 IST

Lucknow News

Lucknow News: नवाबों का शहर लखनऊ एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा का विषय आपको झकझोर के रख देगी। मामला अलीगंज सेक्टर-ए स्थित श्रीराम औद्यौगिक अनाथालय का है। बीते दिनों लखनऊ जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार द्वारा एक नोटिस जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि ये अनाथालय पूरी तरह जर्जर हो चुका है। यहां के सभी 46 बच्चों को राजकीय बालगृह (बालिका) सिंधीखेड़ा, पारा व 13 शिशुओं को बालगृह (शिशु) प्राग नरायण रोड लखनऊ में स्थापित किया जाए।

ऑफिस में मौजूद इंचार्ज श्रुति पाण्डे ने बताया कि अनाथालय पूरी तरह मजबूत व मेंटेन है। नोटिस से पहले कोई भी टीम अनाथालय की जांच करने नही आयी थी। ऐसी स्थिति में उन्होंने कैसे तय कर लिया कि मकान जर्जर है? उन्होंने बताया कि नोटिस में सिर्फ बच्चों को वहां से हटाने की बात कही गई है। पुन: स्थापन की बात नहीं कही गई है। आशंका है कि कोई हम लोगों को यहां से हटाना चाहता है। हांलाकि, डीएम ने नोटिस पर स्टे ऑर्डर दे दिया है।


वर्तमान में 45 बच्चे रहते हैं यहां

श्रुति पांण्डे ने बताया कि इस अनाथाश्रम में कुल 45 बच्चे रहते हैं, जिसमें से 34 बेटियां और 11 शिशु हैं। हाल ही में कुछ बच्चों को एडॉप्ट कर लिया गया था, जबकि नोटिस में ये डाटा कुछ और ही था। उन्होंने बताया कि नोटिस 7 जनवरी को ही जारी हुआ था, जो 24 जनवरी को हमें डीपीओ के माध्यम से प्राप्त हुआ। अनाथालय की बिल्डिंग करीब 1985 में बनी थी। इसमें मरम्मत का कार्य जरूरत पड़ने पर समय-समय पर होता रहता है।


डीएम ने नोटिस पर लगया स्टे

मामला उजागर होने के बाद डीएम सूर्यपाल गंगवार ने नोटिस पर स्टे लगा दिया। उन्होंने एक मीडिया ग्रुप से बातचीत में कहा कि ये नोटिस कौन और क्यों भेंजा था? इसपर जांच की जाएगी। आखिर जब स्टे करना ही था तो नोटिस ही क्यों भेंजा। आखिर इसके पीछे कौन है, जो मासूमों को वहां से हटाना चाहता है।



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