Lucknow Hotel Fire: पुराने हादसों से प्रशासन ने नहीं लिया कोई सीख, विराट के बाद लेवाना होटल में भीषण आग

Lucknow Fire Update: यूपी की राजधानी लखनऊ में सोमवार की सुबह हजरतगंज इलाके में स्थित लेवाना होटल (Levana Hotel) में भीषण आग लग गई। इस आग में कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-09-05 05:59 GMT
लेवाना होटल में आग (तस्वीर : न्यूज़ट्रैक)

Lucknow Hotel Fire News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के हजरतगंज इलाके में स्थित लेवाना होटल (Levana Hotel Fire) में सोमवार को तड़के सुबह 07:30 बजे ही भीषण आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि कई लोग इसमें झुलस गए। शहर के वीआईपी इलाके में स्थित इस होटल में आग लगने से मौके पर अफरा-तफरी का माहौल मच गया। वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि होटल में करीब 20 से अधिक लोग फंस गए हैं। होटल के दूसरे और तीसरे मंजिल पर सबसे ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है फिलहाल कई लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि 4 साल पहले भी राजधानी लखनऊ के एक प्रसिद्ध विराट होटल में भी इसी तरह आग लगी थी उस वक्त आग में 6 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी जबकि 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

लेवाना होटल आग में कई लोग फंसे

लेवाना होटल लखनऊ रेलवे स्टेशन से करीब 10 मिनट की दूरी पर शहर के वीआईपी इलाके हजरतगंज में स्थित है। इस आग पर जानकारी देते हुए लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि आग लगने के कारण का फिलहाल पता नहीं लग सका है जांच जारी है कुछ लोगों को इस आग से बाहर निकाल लिया गया है जिनमें 2 लोगों की हालत फिलहाल गंभीर बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक इस होटल में करीब 30 कमरे मौजूद हैं जिनमें कुल 18 कमरों में लोग ठहरे हुए हैं। आग लगने की खबर सुनते ही कई लोग होटल छोड़कर बाहर आ गए हैं जबकि कई लोग अभी भी फंसे हुए हैं। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक होटल में करीब 35 से 40 लोग आग लगने के समय मौजूद थे फिलहाल कई लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी

लेवाना होटल में आग लगने की खबर मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की कुल 6 गाड़ियां आग बुझाने के लिए पहुंची। लंबे वक्त से जद्दोजहद करने के बाद भी फायर ब्रिगेड की टीम को अभी तक आग पर पूरी तरह काबू पाने में कामयाबी नहीं मिली है। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद होटल के खिड़कियों को तोड़कर किसी तरह कुछ लोगों को बाहर निकाला है जिनमें से ज्यादातर लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, यह आंकड़ा अज्ञात है कि कितने लोग अभी भी होटल के अंदर फंसे हुए हैं।

डिप्टी सीएम बोलें- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा "मामले की जल्द ही उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। फिलहाल धुंए के कारण कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई है जिनका इलाज अस्पताल में करवाया जा रहा है। लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सभी दोषियों की जवाबदेही तय की जाएगी। हम निष्पक्ष जांच करेंगे, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।"

पुराने हादसों से प्रशासन ने नहीं लिया कोई सीख

लेवाना होटल का आज लखनऊ के किसी होटल में आग लगने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले साल 2018 में भी राजधानी लखनऊ के एक प्रसिद्ध विराट होटल में भी बड़ी आग लगी थी। राजधानी के चार बाग इलाके में स्थित एसएसबी इंटरनेशनल होटल में लगी आग ने अपने बगल में स्थित विराट होटल को भी चपेट में ले लिया। उस वक्त फायर ब्रिगेड की टीम को करीब 7 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा था जिसमें 50 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया था जबकि है लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी वहीं, कई लोग गंभीर रूप से झुलस भी गए थे। उस वक्त जांच में दोनों ही होटल कई नियमों का उल्लंघन करते नजर आए थे। अब लेवाना होटल में लगी आग भी यह सवाल खड़ा करती है कि क्या इस होटल के पास फायर NOC थी? क्या होटल के पास आग लगने पर इमरजेंसी एग्जिट के लिए सभी सुरक्षित रास्ते मौजूद थे? फिलहाल सरकार मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग कर रही है।

 क्या जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई?

राजधानी के सबसे पॉश इलाके हजरतगंज के लेवाना होटल में लगी आग ने जिम्मेदार अफसर और होटल प्रबंधन के सांठगांठ की पोल खोल दी है. इन लोगों की लापरवाही में 2 लोगों की जान चली गई. जबकि कई लोगों का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है. इस मामले में कहा जा रहा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से बीते दिनों लेवाना होटल को नोटिस भी दिया गया था. बावजूद उसके होटल प्रबंधन के रसूख के आगे नोटिस सिर्फ नोटिस तक ही सीमित रह गई और इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई. इसके पीछे कुछ सफेदपोश लोग भी बताए जा रहे हैं. वहीं घायलों से मिलने पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इसका संज्ञान लिया है और नोटिस पर उन्होंने एलडीए अफसरों को तलब कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. ब्रजेश पाठक इसको लेकर एक बैठक करने जा रहे हैं. वहीं सीएम योगी ने इस घटना की लखनऊ की मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर की संयुक्त टीम को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.

इन सबके बीच बड़ा सवाल ये जब ऐसी घटनाएं होती हैं, जांच होती है, आदेश जारी होते हैं लेकिन जिम्मेदारों पर कोई एक्शन नहीं होता. राजधानी लखनऊ में इससे पहले भी 19 जून 2018 में चारबाग स्थित नाका के एक होटल में अग्निकांड हुआ था. तब 5 लोगों की जान चली गई थी. इसकी भी जांच हुई, एलडीए के जिम्मेदारों के नाम भी सामने आए लेकिन एक्शन के नाम पर आज तक कुछ भी नहीं हुआ. अब लेवाना में 5 सितंबर 2022 को आग लगी. आग के बाद भी कहा जा रहा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से इस होटल को भी नोटिस दिया गया था लेकिन नेताओं की पैरवी से होटल लेवाना अब तक मौज करता आ रहा था. विकास प्राधिकरण भी सिर्फ खानापूर्ति कर एसी कमरों में बैठा रहा. अब आज जब इतनी बड़ी घटना हुई और वहां पर सुरक्षा के कोई उपकरण मौजूद नहीं थे. चारों तरफ से होटल को पैक करके रखा गया था. सवाल उठे तो मंत्री से लेकर अफसर तक जांच की बात करने लगे.

2018 में नाका के होटल में हुआ था अग्निकांड

गौरतलब है कि इससे पहले 19 जून 2018 को राजधानी के चारबाग स्थित नाका इलाके के एक होटल में भीषण अग्निकांड हुआ था. उस अग्निकांड में 5 लोगों की जान चली गई थी. तब भी सरकार ने इसके जांच के आदेश दिए थे. जांच हुई और एलडीए के 16 इंजीनियर दोषी भी पाए गए थे. लेकिन 4 साल से ज्यादा का वक्त इस घटना को हुए गुजर गए आज तक इंजीनियरों से लेकर अफसर तक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ. जो सिस्टम की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. अब इस अग्निकांड के बाद भी मुख्यमंत्री ने लखनऊ मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर को जांच सौंपी है. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी आज ही अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे प्रदेश में एडवाइजरी जारी करने की बात कर रहे हैं. देखना होगा इस घटना में किसका दोष निकलता है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही होती है. या फिर 2018 के अग्निकांड की तरह ही सिर्फ जांच कर खानापूर्ति हो जाएगी.

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