नॉन-इंटरलॉकिंग के चलते बरौनी-दिल्ली स्पेशल ट्रेन सात मई से रद्द, कई के बदले मार्ग
रेलवे प्रशासन सोनपुर मंडल में सात मई से नॉन-इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू करने जा रहा है। इसलिए बरौनी- दिल्ली स्पेशल (04023) ट्रेन को 7, 10 व 14 मई को निरस्त कर दिया गया है। जबकि राजधानी, कामाख्या व गरीब नवाज एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें बदले मार्ग से गुजरेंगी।
लखनऊ: रेलवे प्रशासन सोनपुर मंडल में सात मई से नॉन-इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू करने जा रहा है। इसलिए बरौनी- दिल्ली स्पेशल (04023) ट्रेन को 7, 10 व 14 मई को निरस्त कर दिया गया है। जबकि राजधानी, कामाख्या व गरीब नवाज एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें बदले मार्ग से गुजरेंगी।
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी (सीपीआरओ) संजय यादव ने शनिवार को बताया कि सोनपुर मंडल में 7 मई से नॉन-इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू होने जा रहा है। इसलिए बरौनी- दिल्ली स्पेशल (04023) ट्रेन को 7, 10 व 14 मई को निरस्त कर दिया गया है। जबकि 04403 बरौनी-नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन को 8 व 11 मई को, 04404 नई दिल्ली-बरौनी स्पेशल ट्रेन को सात व 10 मई को निरस्त किया गया है।
इसके अलावा इंदौर-कामाख्या एक्सप्रेस 9 मई को बदले हुए मार्ग छपरा-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-नरहन-खगड़िया के रास्ते, अजमेर-किशनगंज एक्सप्रेस 9 मई को निर्धारित मार्ग के स्थान पर परिवर्तित मार्ग छपरा-मुजफ्फरपुर- समस्तीपुर-नरहन-खगड़िया के रास्ते चलेगी। जबकि नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ टाउन राजधानी एक्सप्रेस 9 व 12 मई को परिवर्तित मार्ग छपरा-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-बरौनी के रास्ते और आनंद विहार टर्मिनस-नाहरलागुन एक्सप्रेस 9 व 12 मई को बदले मार्ग छपरा-पाटलीपुत्र-पटना-मोकामा-बरौनी बाईपास के रास्ते चलाई जायेगी।
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सीपीआरओ ने बताया कि अमृतसर-डिब्रूगढ़ टाउन एक्सप्रेस 10 मई को छपरा- मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-नरहन-खगड़िया के रास्ते,आनंद विहार टर्मिनस-सहरसा एक्सप्रेस 10 मई को परिवर्तित मार्ग छपरा-पहलेजा घाट-पटना-मोकामा-बरौनी बाईपास के रास्ते चलाई जाएगी। इसके अलावा किशनगंज-अजमेर एक्सप्रेस 10 व 12 मई किशनगंज से 120 मिनट देरी से छूटेगी जबकि सहरसा-आनंद विहार टर्मिनस एक्सप्रेस 12 मई को सहरसा से 60 मिनट देरी से चलेगी।
लखनऊ मंडल में ट्रेनों की लेटलतीफी और रद्द होने से कम हो रही यात्रियों की संख्या
उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में ट्रेनों के रद्द होने और लेटलतीफी से पिछले तीन साल से लगातार यात्रियों की संख्या घटती जा रही है। जबकि मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) संजय त्रिपाठी का कहना है कि आधारभूत ढांचा मजबूत होने पर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।
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रेलवे प्रशासन पटरियों की मरम्मत, डबलिंग, सिग्नलिंग व नॉन- इंटरलॉकिंग के साथ स्टेशनों की मरम्मत के लिए लगातार ट्रेनों को रद्द कर रहा है। ट्रेनों के रद्द होने के साथ ही ब्लॉक लेने पर कई ट्रेनों को बदले रूट से भी चलाया जा रहा है। कई ट्रेनें तो मरम्मत के नाम पर पिछले छह महीने से निरस्त है। रेलवे प्रशासन इसे आधारभूत ढांचे में मजबूती के लिए जरूरी बता रहा है। पर, ट्रेनों की संचालन पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से यात्री आजिज आ गए हैं। इसलिए यात्रियों की संख्या लगातार कम हो रही है।
पिछले तीन साल के आंकड़ों के मुताबिक,वर्ष 2016-17 में उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में यात्रियों की संख्या करीब 7.66 करोड़ थी जो वर्ष 2018-19 में घटकर 7.09 करोड़ पहुंच गई। यही हाल पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर भी है। वर्ष 2016-17 में यात्रियों की संख्या करीब 6.88 करोड़ थी जो वर्ष 2018-19 में घटकर छह करोड़ हो गई है।
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आंकड़ों के अनुसार,ट्रेनों की लेटलतीफी, असुरक्षित सफर, डिरेलमेंट, खराब एसी, बंद पंखे, गंदे शौचालय और उस पर ट्रेनों के बार-बार रद्द होने से नाराज करीब 1.45 करोड़ यात्रियों ने तीन साल में उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल से मुंह मोड़ लिया है। इनमें से 57 लाख यात्री उत्तर रेलवे के स्टेशनों और 88 लाख पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर कम हुए हैं।
उत्तर रेलवे के नए डीआरएम संजय त्रिपाठी का कहना है कि हादसों पर अंकुश लगाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर रेल पटरियों की मरम्मत कराई जा रही है। इसलिए ट्रेनों को निरस्त या डायवर्ट किया जा रहा है। मरम्मत की वजह से ट्रेनें लेटलतीफी का भी शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या जो अभी कम हो रही है आधारभूत ढांचा मजबूत होने पर अपने आप ही बढ़ने लगेगी।