लखनऊ में कल होगा स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव, बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट करेंगे प्रदर्शन

गुरुवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के आह्वान पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव करेंगे। धरना स्थल पर ही आगे की आंदोलन व हड़ताल की घोषणा की जाएगी।

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-07-13 17:31 GMT

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन। (Social Media)

Lucknow: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (medical and health department) में बीते 30 जून को प्रदेश भर के फार्मासिस्टों, चीफ फार्मासिस्ट, प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के व्यापक स्तर पर स्थानांतरण किए गए। स्थानांतरण में शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया है। सैकड़ों विकलांग, दांपत्य नीति से आच्छादित, गंभीर बीमारियों व 2 वर्षों से कम सेवानिवृत्ति व संगठन के अध्यक्ष, सचिव के स्थानांतरण कर दिए गए। जिनको शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति में स्थानांतरण से मुक्त रखा गया है। जिसके ख़िलाफ़ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश (State Employees Joint Council Uttar Pradesh) के आह्वान पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, स्वास्थ्य महानिदेशालय (Directorate General of Health) का गुरुवार को घेराव करेंगे। धरना स्थल पर ही आगे की आंदोलन व हड़ताल की घोषणा की जाएगी।

जांच कमेटी की रिपोर्ट आए बिना किया कार्य मुक्त

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन (Diploma Pharmacist Association) के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला (State President Sandeep Badola) ने कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशालय में बैठे उच्च अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं कि शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के विरुद्ध फार्मासिस्ट संवर्ग में स्थानांतरण हुए हैं। लेकिन, संगठन के बार-बार अनुरोध के बाद भी नियम विरुद्ध व स्थानांतरणों को निरस्त नहीं किया जा रहा है। नियम विरुद्ध स्थानांतरणों की जांच हेतु महानिदेशक द्वारा विभाग में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी गई है। वहीं, दूसरी ओर 4 जुलाई, 2022 को जनपद के अधिकारियों को पत्र भेजकर स्थानांतरित कर्मचारियों को एकतरफा कार्यमुक्त करने का आदेश दे दिया। जिससे जनपदों में स्थानांतरित कर्मचारियों को जांच कमेटी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना, एकतरफा कार्य मुक्त कर दिया गया। जिससे जनपदों में अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है।

कैंसर से ग्रसित मरीज़ों का भी किया गया तबादला

संदीप बडोला (State President Sandeep Badola) ने कहा कि कैंसर जैसे गंभीर रोग से पीड़ित व विकलांग कर्मचारियों को भी जबरन कार्य मुक्त कर दिया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के पश्चात भी महानिदेशालय नियम विरुद्ध स्थानांतरणों को निरस्त नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि जनपदों में पटल परिवर्तन के नाम पर फार्मासिस्टों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है एवं पटल परिवर्तन न करके दूर-दूर स्थानांतरण किए जा रहे हैं। जनपदों के कर्मचारी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे हैं। परंतु अनेकों अनुरोध के बाद भी महानिदेशालय से पटल परिवर्तन हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश जनपदों के अधिकारियों को नहीं दिए गए। जिस कारण जनपदों में अधिकारियों द्वारा मनमानी कर स्थानांतरण नीति की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मजबूर होकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन (Diploma Pharmacist Association) को आंदोलन के रास्ते पर जाना पड़ रहा है।

विभाग का रवैया तानाशाहा: महामंत्री

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश (Diploma Pharmacist Association Uttar Pradesh) के महामंत्री उमेश मिश्रा (General Secretary Umesh Mishra) ने कहा कि विभाग का रवैया तानाशाहा है। स्थानांतरण में हुई कमियों को दूर करने के बजाय कर्मचारियों को एकतरफा कार्यमुक्त किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेशभर के फार्मासिस्टों, चीफ फार्मासिस्टों से अधिक से अधिक संख्या में कल 14 जुलाई, 2022 को स्वास्थ्य महानिदेशालय लखनऊ पहुंचने की अपील की।

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