Lucknow: बलरामपुर अस्पताल में गार्ड कर रहा आंखों की जांच, CMS ने कहा- वो तकनीकी रूप से मजबूत

Lucknow: बलरामपुर अस्पताल में एक गार्ड को मरीज़ की आंख की जांच करते हुए पाया गया, जिसकी तस्वीर भी सामने आई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीपी गुप्ता का कहना है कि यह ग़लत है।

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-06-05 10:14 GMT

बलरामपुर अस्पताल में गार्ड कर रहा आंखों की जांच।

Lucknow: सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जस का तस है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) की कोशिशों का असर जिलों में तो नज़र आ रहा। लेकिन, लखनऊ के डॉक्टरों ने 'हम न सुधरेंगे' की रट लगा रखी है। ताज़ा मामला है, प्रदेश के सबसे पुराने बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital) का। जहां एक गार्ड को मरीज़ की आंख की जांच करते हुए पाया गया, जिसकी तस्वीर भी सामने आई। इसमें यह देखा जा सकता है कि मरीज बैठा हुआ है और गार्ड डॉक्टर की तरफ से (जिधर डॉक्टर की कुर्सी पड़ी है) कुछ कर रहा है। मगर, अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीपी गुप्ता (Chief Medical Superintendent Dr. GP Gupta) का कहना है कि यह ग़लत है। अस्पताल में 7-8 विशेषज्ञ मौजूद हैं। जिनकी ओपीडी भी होती है।

डॉक्टरों का प्राप्त है संरक्षण

गार्ड का नाम फिरोज है, जो कि प्राइवेट कंपनी का गार्ड है। बताया जा रहा है कि उसे डॉक्टरों का संरक्षण प्राप्त है। वो मरीज़ों को डॉक्टरों के कमरे में जाने से रोककर, बगल बने कमरे में ले जाता है। उनकी आंखों की जांच करता है। परामर्श देता है और दवाएं भी लिखता है। जानकारी के मुताबिक- नेत्र रोग विभाग (ophthalmology department) के इस गार्ड की करतूतों से डॉक्टर भी अनजान नहीं हैं। लेकिन, कुछेक डॉक्टर के संरक्षण से मरीज़ों की आंखों के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

'फिरोज तकनीकी रूप से मजबूत'

इस मामले में 'न्यूज़ट्रैक' संग बातचीत में डॉ.जीपी गुप्ता (Chief Medical Superintendent Dr. GP Gupta) ने कहा कि वो तस्वीर गलत है। उसका नाम फिरोज है। वो टेक्निकल स्ट्रांग (तकनीकी रूप से मजबूत) है। इंस्ट्रूमेंट का रखरखाव और साफ-सफाई करता है। यदि वो पेशेंट देख रहा होता, तो उसके हाथ में पर्चा होता। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 7-8 विशेषज्ञ पहले से ही मौजूद हैं। जिनकी ओपीडी भी होती है। तो ऐसे में ये बात निरर्थक है।

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