Lucknow: ट्रांसपोर्ट नगर योजना की सम्पत्तियां होंगी फ्री-होल्ड, आवंटियों की मांग पूरी

LDA के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा सम्पत्तियों के फ्री-होल्ड किये जाने की संस्तुति पर मुहर लगा दी है। वीसी से मिली मंजूरी के बाद इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिया गया है।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-05-11 14:39 GMT

लखनऊ विकास प्राधिकरण। (Social Media)

Lucknow: एलडीए की ट्रांसपोर्ट नगर योजना (transport city plan) के भवन, भूखण्डों के फ्री-होल्ड होने का रास्ता अब साफ हो गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी (Vice President Akshay Tripathi) ने सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा सम्पत्तियों के फ्री-होल्ड किये जाने की संस्तुति पर मुहर लगा दी है। वीसी से मिली मंजूरी के बाद इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिया गया है। उपाध्यक्ष के इस फैसले का ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मण्डल एवं वेयर हाउस ओनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया है।

ट्रांसपोर्ट नगर योजना में भूखण्ड 90 वर्ष की लीज एवं निर्धारित मूल्य पर किये थे आवंटित

एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा (LDA Additional Secretary Gyanendra Verma) ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना के अन्तर्गत भूखण्ड 90 वर्ष की लीज एवं निर्धारित मूल्य पर आवंटित किये गये थे। जिन्हें फ्री-होल्ड किये जाने की मांग आवंटियों द्वारा काफी दिनों से की जा रही थी। समय-समय पर निर्गत शासनादेशों के द्वारा लीज पर आवंटित सम्पत्तियों को फ्री-होल्ड किये जाने के निर्देश दिये गये थे। इस पर निर्णय लेने के लिए वीसी अक्षय त्रिपाठी ने ने सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। समिति द्वारा फ्री-होल्ड के सम्बन्ध में की गई संस्तुति पर उपाध्यक्ष द्वारा मंजूरी दे दी गई है। इसके अनुसार जिन आवंटियों ने पूर्व में भूखण्डों के मूल्य का दस प्रतिशत लीज-रेण्ट जमा किया है, उनसे वर्तमान मूल्य का दो प्रतिशत फ्री-होल्ड शुल्क जमा कराते हुए सम्पत्ति के फ्री-होल्ड की कार्यवाही की जायेगी।

वहीं, जिन आवंटियों ने लीज-रेण्ट के रूप में 10 प्रतिशत धनराशि जमा नहीं की है, ऐसे आवंटियों से सम्पत्ति आवंटन मूल्य का 10 प्रतिशत लीज-रेण्ट के रूप में आवंटन तिथि से अद्यतन लीज डीड में निर्धारित ब्याज दर पर साधारण ब्याज के साथ तथा दो प्रतिशत वर्तमान मूल्य पर फ्री-होल्ड शुल्क अथवा वर्तमान दर पर 12 प्रतिशत धनराशि दोनों में जो कम हो जमा करना होगा।

अनिर्माण शुल्क की गणना की जायेगी: अपर सचिव

अपर सचिव ने बताया कि अनिर्माण शुल्क (लेवी) दिनांक 01.05.1998 से प्रभावी है। जिन आवंटियों द्वारा अपने भूखण्डों पर निर्माण कर लिया गया है, उनमें किसी भी सरकारी संस्था द्वारा जारी प्रपत्र प्रस्तुत करने के आधार पर अनिर्माण शुल्क की गणना की जायेगी। अन्य के सम्बन्ध में शासनादेश संख्या-3192/9-आ-1-1998 दिनांक 22.08.1998 एवं उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 के सुसंगत धाराओं के अधीन पृथक से कार्यवाही की जायेगी। साथ ही प्राधिकरण एवं आवंटियों के मध्य निस्तारित अनुबन्ध के प्राविधानों के अनुसार फ्री-होल्ड के सम्बन्ध में अन्य कार्यवाही सम्पादित की जायेगी।

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