Lucknow University: मनोविज्ञान विभाग ने रखा 'मिशन शक्ति फेज-4' जागरूकता कार्यक्रम

Lucknow University: इस्तिका स्वरूप ने अपनी स्वरचित कविता 'सांसें चल रही हैं अभी' सुनाई और सबकी प्रशंसा अर्जित की, तथा अन्य ने भी अपनी रचनाएं सबके सामने रखीं। वहीं गौरी सिंह ने 'ओ री चिरैया' गाने पर प्रस्तुति दी।

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-07-09 13:20 GMT

LU Psychology Department organized Mission Shakti Phase-4 awareness program (Image: Newstrack)

Lucknow University: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के मनोविज्ञान विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार की पहल 'मिशन शक्ति फेज-4' के तहत जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन ओपन माइक के रूप में हुआ, जिसका थीम 'नारीत्व के रंग- मानसिक स्वास्थ्य का परिप्रेक्ष्य' था।

छात्राओं ने सुनाई स्वरचित कविताएं

इस्तिका स्वरूप ने अपनी स्वरचित कविता 'सांसें चल रही हैं अभी' सुनाई और सबकी प्रशंसा अर्जित की, तथा अन्य ने भी अपनी रचनाएं सबके सामने रखीं। वहीं गौरी सिंह ने 'ओ री चिरैया' गाने पर प्रस्तुति दी। 'कलर स्प्लैश' एक्टिविटी में कोलाज सहित अन्य रचनात्मक कृतियां भी विद्यार्थियों ने कार्यक्रम की थीम पर बबनाई। आंचल वर्मा, शिफा परवेज़ व अन्य ने अपने अपने कोलाज सबके सामने प्रस्तुत किए और उनके बारे में जानकारी दी।


ट्रांस वूमेन को भी माने नारी

कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर आलोक कुमार राय के संरक्षण में हुआ। विद्यार्थियों ने 'वॉक ऑफ वूमनहुड' का भी आयोजन किया, जिसमें विद्यार्थियों ने नारी के अलग-अलग रुप धारण कर यह संदेश दिया कि हर नारी मान्य है, चाहे वह जैसे तैयार हो या जैसी जॉब करे। हम ट्रांस वूमेन को नारी मानने से इंकार कर देते हैं, लेकिन हमें यह नहीं करना चाहिए और यही बात विद्यार्थियों ने वहां मौजूद लोगों को बताने का प्रयास किया।

'कितनी भी ऊंचाई पर जाएं, पांव जमीन पर होना चाहिए'

मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ अर्चना शुक्ला ने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर मधुरिमा लाल का स्वागत किया, जो इस कार्यक्रम की संयोजक भी थीं और मिशन शक्ति में जिनका अभूतपूर्व योगदान रहा है। प्रोफेसर लाल ने बताया कि 'हम चाहें कितनी ऊंचाई पर जाएं, हमारे पांव ज़मीन पर होने चाहिए। एक मां के मन में क्या चल रहा है, वह या तो मां ही बता सकती है या तो उसकी बेटी जो आगे चलकर मां बनेगी।' शिवनागर एनजीओ की हेड और पूर्व पैराट्रूपर प्रीति एम शाह भी मुख्य अतिथि के रूप में आईं। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ बातें की और सवालों के संतोषजनक उत्तर दिए और उपस्थित सभी विद्यार्थियों की जिज्ञासा शांत की।

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