लाशें ही लाशेंः रिवर फ्रंट पर बना अस्थाई श्मशान, तेजी से कराई जा रही अंत्येष्टि

लखनऊ में 31 लोगों की कोरोना से मृत्यु होने की पुष्टि के साथ यूपी में कुल 67 लोगों की मृत्यु होने की बात कही गई है।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-04-11 17:05 GMT
लखनऊ में एक श्मशान घाट पर कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार (फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। रविवार को राज्य में पहली बार 15,000 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इस नवीनतम वृद्धि के साथ, उत्तर प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 692,092 हो गयी है। रविवार को लखनऊ में 31 लोगों की कोरोना से मृत्यु होने की पुष्टि के साथ उत्तर प्रदेश में कुल 67 लोगों की मृत्यु होने की बात कही गई है। ये आंकड़े डराने वाले हैं।

यह सही है कि लखनऊ में 31 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई है लेकिन तमाम मरीज ऐसे हैं जो दूसरे जिलों से लखनऊ में आ रहे हैं और इलाज के दौरान दमतोड़ दे रहे हैं जिससे राजधानी के श्मशान घाटों पर अंत्येष्टि के लिए जबर्दस्त दबाव है। चाहे वह बैकुंठ धाम का मामला हो या पिपराघाट या गुलाला श्मशान घाट का। वीआईपी रोड आलमबाग का श्मशान घाट भी लाशों की वेटिंग से अछूता नहीं रह गया है।
कोविड से होने वाली मौतों का आँकड़ा बढ़ने से लखनऊ नगर निगम ने वैकुंठ धाम पर शवों को जलाने के लिए रिवर फ़्रंट पर अस्थायी स्थान बनाया है, जहां कोरोना पॉजिटिव लोगों की अंत्येष्टि की जा रही है। इसका कारण यह है कि विद्युत शवदाह गृह में भी अंत्येष्टि में कम से कम तीन घंटे का समय लग रहा है। ऐसे में संक्रमित शवों को अधिक समय तक अंत्येष्टि से रोकना खतरनाक हो सकता है।

रिवर फ्रंट पर बनाए गए अस्थाई श्मशान में शवों को जलाने की चल रही तैयारी

इसी वजह से अस्थाई तौर पर अंत्येष्टि कराने की व्यवस्था की जा रही है। ताकि लोगों को संक्रमण फैलने से बचाया जा सके। लखनऊ नगर निगम वैकुंठ धाम, गुलाला और पिपराघाट के श्मशान घाटों पर कोविड संक्रमित शवों की अंत्येष्टि वरीयता से कराने में जुटा हुआ है। ऐसे में श्मशान घाट पर काम कर रहे मुक्तिदाताओं की सराहना करनी होगी जो अपनी जान जोखिम में डालकर मृत शरीरों की सद्गति में जुटे हुए हैं।


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