Electricity Employees Oppose: राज्यपाल के अभिभाषण के बाद बजट में भी बिजली व्यवस्था की प्रशंसा, निजीकरण प्रक्रिया निरस्त करें

Electricity Employees Oppose: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इतनी उपलब्धियों को देखते हुए वे प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त कराने की कृपा करें;

Newstrack :  Network
Update:2025-02-20 16:19 IST

Electricity Employees Demand cancel the privatization process News (Photo Social Media)

Electricity Employees Oppose: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने कहा है कि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद आज बजट में भी जिस प्रकार बिजली व्यवस्था की प्रशंसा की गई है उसे देखते हुए बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जानी चाहिए। समिति ने कहा है कि बिजली कर्मियों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति पूरा विश्वास है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इतनी उपलब्धियों को देखते हुए वे प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त कराने की कृपा करें तो उनके नेतृत्व में बिजली कर्मी उप्र को देश में पहले नंबर पर लाकर दिखा देंगे।

उधर दूसरी ओर संघर्ष समिति के आह्वान पर आज 85 वें दिन भी लगातार बिजली कर्मियों ने सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालय पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि आज बजट में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बिजली व्यवस्था को लेकर कहा - आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। लोगों के घरों में रोशनी है। गर्मियों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। किसानों को सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध है।

वित्त मंत्री ने कहा - तेरे दीवारों दर जगमगा देंगे हम। संघर्ष समिति ने कहा कि इससे अधिक बिजली व्यवस्था की प्रशंसा और क्या हो सकती है? संघर्ष समिति ने कहा कि इसके पहले राज्यपाल भी अपने अभिभाषण में विद्युत व्यवस्था की प्रशंसा कर चुकी हैं। समिति ने कहा कि ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा भी समय समय पर ट्वीट कर बिजली व्यवस्था की उपलब्धियां गिनाते रहते हैं किन्तु इस सबके बावजूद पता नहीं क्यों उन्होंने बिजली के निजीकरण की जिद पकड़ रखी है ?

समिति ने कहा कि बजट में यह कहा गया है कि बिजली व्यवस्था में इतना ज्यादा सुधार हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे 35 मिनट, तहसील में 22 घंटे 36 मिनट और सभी जनपदों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। 4680 कृषि फीडरों को अलग किए जाने के लक्ष्य के सापेक्ष 3817 कृषि फीडर अलग किए जा चुके हैं। उत्पादन निगम ने 37056 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। एक लाख 88 हजार निजी नलकूपों को नए कनेक्शन दिए गए हैं। यह सब स्वयंमेव सर्वांगीण सफलता की कहानी कह रहा है।

संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मी इससे भी अधिक युगांतरकारी सुधार करने के लिए संकल्प बद्ध है। ऊर्जा मंत्री निजीकरण की जिद छोड़ दें और निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाए तो बिजली कर्मी बिजली व्यवस्था के मामले में उत्तर प्रदेश को देश में पहले नंबर पर लाकर खड़ा कर देंगे। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी, अनपरा, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।

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