'15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारेगा ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी', बोले CM योगी आदित्यनाथ

CM yogi Review Meeting: 39 लाख 52 हजार करोड़ के औद्योगिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त करने के साथ देश-दुनिया में हो रही यूपी की प्रशंसा के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की तैयारी तेजी से जारी है।

Report :  aman
Update: 2023-11-17 17:41 GMT

मुख्यमंत्री योगी (Social media)

CM yogi Review Meeting: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 39 लाख 52 हजार करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश प्रस्तावों (Industrial Investment Proposals) को जमीन पर उतारने की तैयारी तेज कर दी है। शुक्रवार (17 नवंबर) को विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के सीईओ के साथ विशेष बैठक कर सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभागवार और जिलेवार निवेश प्रस्तावों की समीक्षा की और क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (GIS) के बाद अब तक 8 महीने में एमओयू के क्रियान्वयन के लिए किए गए प्रयासों के बाद 8,000 से अधिक परियोजनाएं जमीन पर उतरने को तैयार हैं। हमें न्यूनतम 15 लाख करोड़ की औद्योगिक परियोजनाओं के साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (ground breaking ceremony) का आयोजन करना चाहिए। इस लक्ष्य के साथ सभी विभाग तैयारी तेज कर दें।

बैठक की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं : ---

● आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में विगत 10-12 फरवरी को यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का सफल आयोजन हुआ। इस आयोजन में 10 कन्ट्री पार्टनर, 40 देशों के 1000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों, पार्टनर कंट्री के 04 मंत्रीगण, 17 केंद्रीय मंत्रीगणों, राजदूतों/उच्चायुक्तों और 25000 से अधिक डेलीगेट्स सहित राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों तथा अन्य गणमान्य महानुभावों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता कर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया। यह आयोजन हमारी 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं, युवाओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होने वाला है।

● 16 देशों के 21 नगरों और देश के 10 शहरों में रोड शो सहित प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेशक सम्मेलन के उपरांत तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से ₹39.52 लाख करोड़ के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 1.10 करोड़ नौकरी/रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अब उत्तर प्रदेश इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

● मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, ईवी, टेक्सटाइल, डेटा सेंटर, फ़ूड प्रोसेसिंग, सर्कुलर इकॉनमी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर सेक्टर में उद्यमियों ने रुचि दर्शायी है। निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए यह अति आवश्यक है कि निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए। उनकी जरूरतों, अपेक्षाओं का तत्काल समाधान हो। एनओसी/क्लीयरेंस देने में अनावश्यक देरी न हो।

● जीआईएस के बाद अब तक 08 माह में एमओयू के क्रियान्वयन के लिए किए गए प्रयासों के बाद 8000 से अधिक परियोजनाएं जमीन पर उतरने को तैयार हैं। हमें न्यूनतम 15 लाख करोड़ की औद्योगिक परियोजनाओं के साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करना चाहिए। इस लक्ष्य के साथ सभी विभाग तैयारी तेज कर दें।

● सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्री गण के नेतृत्व में अपने सम्बंधित विभागों को प्राप्त हर एक औद्योगिक निवेश प्रस्ताव की तत्काल समीक्षा करें।

● औद्योगिक विकास एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति सहित सभी सेक्टोरल नीतियों का लाभ निवेशकर्ता को बिना विलंब, न्यूनतम ह्यूमन इन्टरफेयरेन्स के मिलना चाहिए। हर एक निवेशक का ध्यान रखें। उन्हें कहीं कोई असुविधा न हो और निवेश प्रस्ताव सरलता के साथ क्रियान्वित हो।

● नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) में 36000 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जाना है। यहां सीईओ व अन्य मानव संसाधन की तैनाती तत्काल कर दी जाए। यह प्रयास प्रदेश में बुंदेलखंड के विकास को एक नई ऊंचाई देने वाला होगा।

● उद्योगों के लिए भूमि प्राथमिक आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण के लिए नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) सहित विभिन्न प्राधिकरणों को आवश्यक धनराशि जारी की गई है। इनका यथोचित उपयोग करते हुए लैंडबैंक का विस्तार किया करें।

● निवेशकों की आवश्यकता और प्रदेशहित का ध्यान रखते हुए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्रों में राजस्व संहिता की धारा 80 के अंतर्गत भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दिए जाने पर यथोचित विचार करते हुए उचित निर्णय लिया जाए।

● अनेक आवासीय परियोजनाएं पूर्ण होने के बाद भी अधिभोग प्रमाण पत्र/पूर्णता प्रमाण पत्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण के स्तर पर लंबित हैं। यह स्थिति ठीक नहीं। तत्काल निर्णय लेकर नियमानुसार प्रमाण पत्र जारी करें।

● गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहन देने के क्रम में यथाशीघ्र प्रदेश की ग्रीन हाइड्रोजन नीति जारी की जाए।

Tags:    

Similar News