Lucknow News: लखनऊ में बिजली कर्मियों का निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, 21 जनवरी को जारी रहेगा अभियान
Lucknow News Today: प्रदर्शन कर रहे बिजलीकर्मियों ने बताया कि 21 जनवरी को काली पट्टी बांधने का अभियान जारी रहेगा। इसके अलावा 23 जनवरी को देशभर की राजधानियों में फ्री बिडिंग कांफ्रेंस के विरोध में बिजली कर्मी प्रदर्शन करेंगे।;
Lucknow News in Hindi: राजधानी लखनऊ में विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एण्ड इंजीनियरर्स के बैनर तले बिजली कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ चलाया जा रहा है।
निजीकरण के खिलाफ आगामी योजनाएं
प्रदर्शन कर रहे बिजलीकर्मियों ने बताया कि 21 जनवरी को काली पट्टी बांधने का अभियान जारी रहेगा। इसके अलावा 23 जनवरी को देशभर की राजधानियों में फ्री बिडिंग कांफ्रेंस के विरोध में बिजली कर्मी प्रदर्शन करेंगे। और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निजीकरण प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग करेंगे। 31 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर भी प्रदर्शन होगा और 1 फरवरी को चंडीगढ़ की बिजली व्यवस्था को निजी कंपनी द्वारा अधिग्रहित करने की योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
इस दौरान संघर्ष समिति के पदाधिकारी ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए फ्री बिडिंग कॉन्फ्रेंस को तत्काल रद्द किया जाए। नहीं तो बिजली कर्मचारियों में भारी रोज व्याप्त हो जाएगा। बिजलीकर्मी फ्री बिल्डिंग कॉन्फ्रेंस का देश भर में प्रबल विरोध करेंगे। जिनमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियरर्स, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ़ इंडिया इंडियन और ऑल इंडिया पावर मेंस फेडरेशन प्रमुख अखिल भारतीय फेडरेशन शामिल हैं।
देशभर में प्रदर्शन और विरोध की लहर
इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, देवरपाटन, बरेली, सुल्तानपुर, अयोध्या, हरदुआगंज, जवहरपुर, परीछा, ओबरा, पनकी, अनपरा, पिपरी, गोरखपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, प्रयागराज, अलीगढ़, बस्ती, माथुरा, आगारा, कानुपर, बांदा और झांसी जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। तो वहीं आंदोलन के प्रमुख नेताओं ने लखनऊ में विभिन्न विद्युत निगम मुख्यालयों पर सभाओं को संबोधित किया।
संघर्ष समिति का मजबूत विरोध
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर फेडरेशन, और अन्य प्रमुख बिजली कर्मचारी संघों ने इस विरोध आंदोलन में सक्रिय भागीदारी दिखाई है। तो वहीं आंदोलनकारी निजीकरण की प्रक्रिया के खिलाफ अपने संघर्ष को लगातार तेज कर रहे हैं।