बिल्डर गुड्डू मुस्लिम और एलडीए का फर्जीवाड़ा, 22 परिवारों पर लटकी तलवार, जल्द जमींदोज हो जाएगी शिव एम्पायर रेजिडेंसी

Lucknow News: मो. मुस्लिम का करीबी आमिर अली ने वर्ष 2012 में ब्लंट स्क्वायर में 446 वर्ग मीटर भूखंड पर स्वीकृत मानचित्र के विपरीत पांच मंजिला अपार्टमेंट बनाया था। इसके बाद एलडीए नें इसे अवैध निर्माण बताते हुए 19 दिसंबर, 2012 में ही नोटिस जारी कर दिया था।

Update:2023-05-15 21:46 IST
LDA issues notice to demolish Shiv Empire Residency (Photo-Social Media)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के पान दरीबा में बने शिवा एम्पायर रेजीडेंसी पर संकट मडरा रहा है। अतीक के करीबी रहे मो. मुस्लिम ने ये बिल्डिंग बनाई थी। जालसाजी में बनाए गए इस बिल्डिंग को एलडीए नें खाली कराने का आदेश दे दिया है। इस बिल्डिंग में 22 परिवार रहते हैं। बिल्डिंग को तेजी से खाली कराया जा रहा है। अपार्टमेंट में रहने वालों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। उन्होंने कहा कि आखिर जब ये बनाया जा रहा था तभी क्यों नहीं रोका गया गया। कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके बच्चे बाहर रहते हैं उनके पास इसके अलावां अन्य कोई आशियाना नहीं है ऐसे में वे कहां जाएंगे।

2012 में बना था अपार्टमेंट

गौरतलब है कि मो. मुस्लिम का करीबी आमिर अली ने वर्ष 2012 में ब्लंट स्क्वायर में 446 वर्ग मीटर भूखंड पर स्वीकृत मानचित्र के विपरीत पांच मंजिला अपार्टमेंट बनाया था। इसके बाद एलडीए नें इसे अवैध निर्माण बताते हुए 19 दिसंबर, 2012 में ही नोटिस जारी कर दिया था। कागजों पर अपार्टमेंट का पता ब्लंट स्क्वायर की जह पान दरीबा है। उस दौरान एलडीए के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने मामले को दबा लिया था। इसके बाद 30 जुलाई, 2013 को एलडीए के तत्कालीन प्राधिकारी वीरेंद्र पाण्डेय ने 25 दिन के अंदर गिराने का आदेश दिया था। लेकिन अधिकारियों ने अपार्टमेंट को ध्वस्त नहीं किया। अब 11 साल बाद उसी नोटिस के आधार पर फिर से शिव एम्पायर रेजीडेंसी को गिराने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

माफिया अतीक अहमद के इनकाउण्टर के बाद से ही उसके करीबियों पर लगातार अवैध संपत्तियों की जांच की जा रही है। उसका सबसे करीबी माना जा रहा मु. मुस्लीम पर भी जांच शुरू है। अधिकारियों ने बताया कि मुस्लिम ने 2012 शिव रेजीडेंसी अपार्टमेंट बनवाया था। लेकिन जांच में भुखंड संख्या कोई और निकला। इसके बावजूद अधिकारियों का दवा है कि यह अपार्टमेंट गुड्डू मुश्लिम का ही है। लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या अप्रटमेंट में रहने वालों की है। करीब 12 साल से रह रहे लोग कहां जाएंगे। उनका पैसा वापस होगा या फिर डूब जाएगा।

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