Lucknow Metro: लखनऊ वालों को भा गई मेट्रो, 7 करोंड़ यात्रियों ने किया सफर

Lucknow Metro: यूपीएमआरसी के एम.डी सुशील कुमार ने यात्रियों के निरंतर विश्वास के लिए जताया आभार। बोवे-शहर को साफ-सुथरी, आरामदायक, सुरक्षित एवं तेज़ मेट्रो सेवा देने के लिए हमारी टीम बिल्कुल तैयार है।

Update: 2023-06-30 15:39 GMT
Lucknow Metro in the last six years 7 crore passengers traveled (Photo-Social Media)

Lucknow Metro: लखनऊ वालों को खुब मेट्रो की यात्रा पसंद आ रही है। यही कारण है कि पिछले 6 वर्षों से भी कम समय में 7 करोड़ यात्रियो ने लखनऊ मेट्रो से यात्रा की। लखनऊ मेट्रो की 5 सितंबर 2017 को व्यवसायिक सेवाएं प्रारंभ हुई थी। इसके बाद से ही लोगों नें यात्रा के लिए लखनऊ मेट्रों को चुना।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने लखनऊ मेट्रो की पूरी टीम को बधाई दी। कहा कि मेट्रो यात्रियों के प्यार एवं भरोसे की वजह से हम इतने कम समय में यह आंकड़ा हासिल कर पाए हैं। शहर को साफ-सुथरी, आरामदायक, सुरक्षित एवं तेज़ मेट्रो सेवा देने के लिए हमारी टीम बिल्कुल तैयार है। इसी बीच लॉस्ट एंड फाउंड सेल ने 28 लाख से अधिक नगदी मेट्रो यात्रियों को वापस लौटाया।

पिछले छह सालों में लखनऊ मेट्रो की कुछ ख़ास बातें

पिछले लखनऊ मेट्रो के लॉस्ट एंड फाउंड सेल ने यात्रियों के मेट्रो परिसर में अब तक छूटे 28 लाख रुपये लौटाए। इस दौरान सेल ने मेट्रो यात्रियों के बैग, पर्स एवं अन्य मूल्यवान वस्तुएं सुरक्षित वापस लौटाई। यूवी किरणों से मेट्रो ट्रेन एवं टोकन को सैनेटाइज करने वाली लखनऊ मेट्रो देश की पहली मेट्रो बनी। सुरक्षा के दृष्टिगत पैंटोग्राफ और 25 के.वी ओएचई की निगरानी के लिए ट्रेन की छत पर कैमरा लगाया गया है। बिजली खपत में भी लखनऊ मेट्रो अग्रणी है। 100 प्रतिशत एल.ई.डी इस्तेमाल करने वाली देश की पहली मेट्रो दर्जा प्राप्त है। लखनऊ मेट्रो के निर्माण के समय डिजाइन में बदलाव कर 537 पेड़ो को कटने से बचाया गया। 410 पेड़ों को अन्यत्र स्थापित किया गया। लखनऊ मेट्रो द्वारा प्रति वर्ष करीब दो लाख लीटर वर्षा जल का संरक्षण की क्षमता है। समय-समय पर मेट्रो हरित पहल करता रहता है। प्रत्येक ट्रेन में 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जबकि स्टेशनों पर निगरानी के ले करीब 60 सीसीटीवी लगाए गए हैं। प्रत्येक स्टेशन पर महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। मेट्रो यात्री किसी आपातकालीन स्थिति में पीईआइ के माध्यम से सीधे ट्रेन संचालक से बात कर सकते हैं।

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