Lucknow University के दो छात्र इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन मटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में प्रस्तुत करेंगे अपना शोध
Lucknow University: इस शोध कार्य में अन्य शोधार्थी तथा केंद्रीय औषधीय अनुसंधान संस्थान (CDRI) की डॉ. दिव्या सिंह और डॉ. कृति शर्मा भी शामिल हैं। परियोजना में शामिल अन्य शोधार्थी- रजत कुमार मिश्रा, सविता कुमारी, एजाज हुसैन और जैरिन फातिमा का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान है।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के विज्ञान (भौतिक विज्ञान) के दो शोधार्थियों को पेरिस, फ्रांस में आयोजित हो रही 8वीं इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन मटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करने के लिए मंजूरी मिली गयी है। इन छात्रों का नाम सर्वेश कुमार अविनाशी और श्वेता है। 21-22 सितंबर 2023 को आयोजित होने वाली कांफ्रेंस में भागीदारी करेंगे।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इन शोधार्थियों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि, "हमारे विश्वविद्यालय के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि हमारे दो शोधार्थीयों को इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के लिए चुना गया है। उनकी भागीदारी सिर्फ उनके विशेषज्ञता को प्रदर्शित करने के साथ-साथ लखनऊ विश्वविद्यालय को वैश्विक वैज्ञानिक मंच पर भी रखेगी।"
शोधार्थियों ने इस कांफ्रेंस में भागीदारी के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के विज्ञान और अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड (SERB) से वित्तीय सहायता माँगी है। इस शोध कार्य में अन्य शोधार्थी तथा केंद्रीय औषधीय अनुसंधान संस्थान (CDRI) की डॉ. दिव्या सिंह और डॉ. कृति शर्मा भी शामिल हैं। परियोजना में शामिल अन्य शोधार्थी- रजत कुमार मिश्रा, सविता कुमारी, एजाज हुसैन और जैरिन फातिमा का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान है।
सर्वेश कुमार अविनाशी की प्रस्तुति का टॉपिक मोर्फोलॉजिकल, मैकेनिकल और बायोलॉजिकल विकास पर होगी, जिसमें हाइड्रॉक्सीएपाटाइट और टाइटेनियम कार्बाइड के संयोजन का अध्ययन किया जाएगा, जो इसे बायोमेडिकल क्षेत्र में संभावित उपयोगों की जांच करेगा।
दूसरी ओर, श्वेता की प्रस्तुति "La2O3 डोप्ड मशीनेबल सिलिकेट ग्लास सिरेमिक के संरचनात्मक, मौर्फोलॉजिकल और मैकेनिकल परिदृश्य: बायोमेडिकल उपयोगों के लिए" पर विचार करेगी। उनके शोध में, La2O3 डोप्ड मशीनेबल सिलिकेट ग्लास सिरेमिक की संरचनात्मक, मौर्फोलॉजिकल और मैकेनिकल विशेषताओं का अध्ययन होगा, जो इसे बायोमेडिकल क्षेत्र में संभावित उपयोगों की ओर खोलेगा।
शोधार्थियों की कांफ्रेंस में भागीदारी पदार्थ विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महुत्वपूर्ण अंतःशास्त्रीय सूचना प्रदान करेगी, वैज्ञानिक समुदाय की समझ को आगे बढ़ाने और बायोमेडिकल डोमेन में संभावित उपयोगों के दरवाजे खोलने की संभावना है।