Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी की डिमांड पर जज भी अपनी हंसी न रोक पाए, जानें माफिया डॉन ने आखिर क्या ऐसा मांग लिया
Mukhtar Ansari News: कुख्यात अपराधी से बाहुबली राजनेता बने मुख्तार अंसारी अब तक चार मामलों में सजा भी पा चुका है। गुरूवार को फर्जी एंबुलेंस केस में उसकी बाराबंकी के एमपी/एमएलए कोर्ट में पेशी हुई।
Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई लगातार हो रही है। प्रदेश की अलग-अलग अदालतों में उसके ऊपर दर्ज दर्जनों मामलों की सुनवाई चल रही है। कुख्यात अपराधी से बाहुबली राजनेता बने मुख्तार अंसारी अब तक चार मामलों में सजा भी पा चुका है। गुरूवार को फर्जी एंबुलेंस केस में उसकी बाराबंकी के एमपी/एमएलए कोर्ट में पेशी हुई। मुख्तार बांदा जेल से वर्चुअली इस सुनवाई में शामिल हुआ।
मुख्तार अंसारी पर क्यों हंसे जज
सुनवाई के दौरान माफिया डॉन ने विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव के सामने ऐसी डिमांड रख दी कि जज साहब भी अपनी हंसी न रोक पाए। मुख्तार अंसारी ने जज साहब से गुहार लगाते हुए कहा, मी लार्ड.. मुझे खाने-पीने का सामान, फल और कुरकुरे भिजवा दीजिए। माफिया के वकील रणधीर सिंह सुमन ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बाहुबली नेता ने वकील के जरिए इन खाद्य सामग्रियों को उनतक पहुंचाने की गुजारिश की है।
पूर्वांचल में दशकों तक माफियागिरी के पर्याय रहे इस कुख्यात की बेबसी को देखकर जज कमलकांत श्रीवास्तव भी अपनी हंसी न रोक पाए। वो हंसते हुए अपनी सीट से उठे और चैंबर में चले गए। उन्होंने इस मामले में जेल प्रशासन को कोई आदेश जारी नहीं किया। दरअसल, इससे पहले भी मुख्तार अंसारी ने केले और लखनऊ के आम की डिमांड की थी। जिससे कोर्ट के आदेश पर उसे दिया जा चुका है।
फर्जी एंबुलेंस मामले में मुख्तार ने दी सफाई
वीडियो कांफ्रेंसिंह के जरिए सुनवाई के लिए पेश हुए माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने बहुचर्चित फर्जी एंबुलेंस मामले में खुद को बेगुनाह बताया। उसने कोर्ट से कहा कि इस मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उस पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट में मुख्तार अंसारी के दो वकील रणधीर सिंह सुमन और जावेद ने बहस की। मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए जज ने अगली सुनवाई 5 जून को तय की है।
मुख्तार के वकील ने कोर्ट में कहा कि उसके क्लाएंट पर दर्ज मुकदमे फर्जी हैं क्योंकि वो पिछले 15 सालों से जेल में बंद है। साल 2013 में एंबुलेंस खरीदी गई थी। मुकदमा दर्ज होने के कुछ दिन बाद मुख्तार अंसारी को नामजद किया जाता है और फिर गैंगस्टर एक्ट की धारा लगाई जाती हैं जो कि सरासर गलत है।
बता दें कि बाराबंकी पुलिस ने फर्जी एंबुलेंस मामले की जांच के बाद 2 अप्रैल 2021 को नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था। तत्कालीन बाराबंकी डीएम आदर्श सिंह के आदेश पर मुख्तार समेत उसके गैंग के 13 सदस्यों पर 27 मार्च 2022 को गैंगस्टर एक्ट के तहत पुलिस ने कार्यवाही की थी।