Mafia Mukhtar Ansari: योगी राज में कैसे शुरू हुए मुख़्तार के बुरे दिन, पूरे परिवार का ये है हाल

Mafia Mukhtar Ansari: 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी का जो साम्राज्य था वो लगातार तबाह हो रहा है। या फिर ये कहें कहें कि योगी सरकार बनने के बाद माफिया मुख्तार के बुरे दिन शुरू हो गए हैं।

Update: 2023-06-05 14:51 GMT
योगी सरकार में मुख़्तार के बुरे दिन (सोशल मीडिया)

Mafia Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश में माफिया मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी, लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी का जो साम्राज्य था वो लगातार तबाह हो रहा है। या फिर ये कहें कहें कि योगी सरकार बनने के बाद माफिया मुख्तार के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। यूपी के अंदर प्रशासन ने माफिया मुख्तार अंसारी की अब तक करोड़ों की अवैध संपत्ति को या तो धवस्त कर दिया है या फिर जब्त कर लिया है। जो माफिया जेल के अंदर से अपने साम्राज्य को संभालता था आज वह खाने पीने के सामान के लिए जेल से गुहार लगा रहा है। बीते एक साल के अंदर माफिया मुख्तार अंसारी को कोर्ट से चार अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई जा चुकी। आज सोमवार को वाराणसी की एमपी/एमएमए कोर्ट ने 32 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

32 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला

वाराणसी के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड मामले में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने आज सोमवार (5 जून) को फैसला सुनाया। एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। बता दें कि 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर स्थित अवधेश राय के आवास के ठीक सामने दिन दहाड़े ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी गई थी। मृतक अवधेश राय के भाई ने इस हत्याकांड में चेतनगंज थाने में माफिया मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश और पूर्व विधायक अब्दुल कलाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। हत्याकांड में शामिल पांच आरोपियों में से दो की मौत हो चुकी है।

गैंगेस्टर के तीन मामलों में सजा

माफिया मुख्तार अंसारी को 22 सितंबर 2022 से 5 जून 2023 के बीच पांच मामलों में सजा मिल चुकी है। 22 सितंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार को सात साल की सुनाई थी। ठीक अगले ही दिन यानी 23 सितंबर को जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की अदालत ने गैंगस्टर के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी। इसी तरह 29 अप्रैल 2023 को कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही माफिया मुख्तार पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया था। इसके अलावा मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई थी। वहीं, राजधानी लखनऊ में जेलर को धमकाने के मामले में भी कोर्ट का फैसला आ चुका है। फिलहाल इस मामले माफिया मुख्तार बरी हो गया था।

योगी सरकार में ही पंजाब से यूपी लाया गया था मुख्तार

माफिया मुख्तार अंसारी को योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 7 अप्रैल 2021 को पंजाब से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल लाया गया था। माफिया मुख्तार अंसारी ने पंजाब से उत्तर प्रदेश न आने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए थे, लेकिन योगी सरकार माफिया को उत्तर प्रदेश लेकर आई थी। उसके बाद से माफिया मुख्तार अंसारी के बुरे दिन चल रहे हैं। जिन मामलों में दशकों से फैंसला नहीं हो पा रहा था। अब कोर्ट धड़ा धड़ अपना फैसला सुना रही है।

मुख्तार अंसारी का पूरा परिवार सलाखों के पीछे

मुख्तार का पूरा परिवार सलाखों के पीछे है। मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को बीजेपी नेता कृष्णानंद राय के हत्या के मामले मं चार सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद से वह गाजीपुर जेल में बंद हैं। वहीं मुख्तार की पत्नी आफ्शा अंसारी और एक बेटा उमर अंसारी फरार है। बीते दिनों उसके खिलाफ इनाम की राशि भी बढ़ा दी गई थी। उधर, मुख्तार का बेटा अब्बास अंसारी और बहू निखत अंसारी भी सलाखों के पीछे है।

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