Bulandshahr News: प्राथमिक विद्यालय में कई बच्चे हुए मूर्छित, किताब कापियों से हवा करते बच्चो का वीडियो वायरल

Bulandshahr News: विद्यालय के प्रधानाध्यक गिरीश चंद शर्मा ने दावा किया है कि विद्यालय में पर्याप्त क्लास रूम नही है, जिसकी वजह से उपलब्ध क्लास रूम्स में क्षमता से 3 गुना छात्र छात्राओं को बैठा कर पढ़ाया जा रहा है।

Update: 2023-07-21 14:44 GMT

Bulandshahr News: जनपद के पहासू में स्थित प्राथमिक विद्यालय न.1 की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलता वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में पढ़ने आए कई छात्र छात्राओ को गर्मी और उमस की वजह से उल्टियां हो गई और कई बच्चे बेहोश हो गए। विद्यालय के प्रधानाध्यक गिरीश चंद शर्मा ने दावा किया है कि विद्यालय में पर्याप्त क्लास रूम नही है, जिसकी वजह से उपलब्ध क्लास रूम्स में क्षमता से 3 गुना छात्र छात्राओं को बैठा कर पढ़ाया जा रहा है। भीषण गर्मी में बिजली की भी व्यवस्था ठीक नही है, जिससे गुरुवार को उमस के चलते कई बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी। हालांकि बीएसए लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बताया कि शीघ्र नए क्लास रूम बनवाने के लिए शासन को पत्र भेजा जा रहा है। बिजली व्यवस्था भी दुरुस्त कराई जा रही है।

एक क्लास में 30 बच्चो की क्षमता, पढ़ाये जा रहे 70 बच्चे

सरकार ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और ग्रामीण बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए भले ही करोड़ो रुपया व्यय कर रही हो, लेकिन यूपी के जनपद बुलंदशहर के प्राथमिक विद्यालय पहासू नंबर 1 में शिक्षा की बदहाल व्यवस्था का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है। वायरल वीडियो में क्लास रूम में लगे पंखे बंद है और भीषण गर्मी के बावजूद क्लास रूम में क्षमता से अधिक बच्चे बैठकर किताब कॉपी से हवा करते का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि पहासू के प्राथमिक विद्यालय नंबर 1 की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का खुलासा उस समय हुआ जब गुरुवार को स्कूल में कुछ बच्चे उमस के कारण चक्कर खाकर गिर पड़े और कुछ बच्चों को उल्टियां होने लगी, जिसके बाद विद्यालय की बदहाल व्यवस्थाओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

मामले को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक गिरीश चंद्र शर्मा और विद्यालय की शिक्षिकाओं ने दावा किया है कि विद्यालय में 360 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं और क्लासरूम महज पांच हैं। नियमानुसार एक क्लास रूम में 30 बच्चों को ही बैठाकर पढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन पुरानी बिल्डिंग के जर्जर भवन को हटा दिया गया और नए कक्षों का निर्माण नहीं कराया गया। परिणाम स्वरूप 5 कमरों में ही स्कूल आने वाले बच्चों को बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है। एक क्लासरूम में 70 बच्चे तक बैठने पड रहे है। यही नहीं बिजली कटौती भी बड़े पैमाने पर हो रही है ,बच्चों की अधिक संख्या और गर्मी होने से बच्चे उमस का शिकार हो गए। हालांकि विद्यालय के प्रधानाध्यापक में दावा किया है कि क्लास रूम के अभाव और क्लासरूम निर्माण की मांग को लेकर उच्चाधिकारियों को पूर्व में ही पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।

क्या बोले बीएसए

बीएसए लक्ष्मी कांत पांडे ने बताया कि विद्यालय में और क्लासरूम्स का निर्माण होना है जिसके लिए शासन को पत्र भेज भेजा जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी को विद्यालय में विद्युत व्यवस्था को भी दोस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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