Mathura: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के विवादित स्थल का होगा सर्वे, 20 जनवरी तक सौंपनी होगी रिपोर्ट

Shri Krishna Janmabhoomi case: मथुरा में विवादित स्थल का सर्वे किया जाएगा। ये फैसला मथुरा की अदालत ने सुनाया है। वाराणसी के ज्ञानवापी मामले की तर्ज पर यहां भी सर्वे कार्य होंगे।

Written By :  aman
Update: 2022-12-24 08:51 GMT

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Shri Krishna Janmabhoomi case: कृष्णनगरी मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले (Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Masjid Dispute) में हिंदू पक्ष के लिए शनिवार (24 दिसंबर) को बड़ी खबर आई। यहां भी वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid case) मामले की ही तरह अब विवादित स्थल का सर्वे किया जाएगा। 

वाराणसी ज्ञानवापी मामले की तर्ज पर अब मथुरा में भी विवादित स्थल का सर्वे कार्य होगा। ये फैसला शनिवार को मथुरा की जिला अदालत ने सुनाया। साथ ही, कोर्ट ने 20 जनवरी तक नक्शा सहित विवादित स्थल की सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के भी आदेश दिए। सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय सोनिका वर्मा (Civil Judge Senior Division III Sonika Verma) की अदालत ने ये फैसला दिया।

हिन्दू सेना के दावों पर सुनवाई

मथुरा कोर्ट के इस फैसले से हिंदू पक्ष में उत्साह है। आज की सुनवाई हिन्दू सेना (Hindu Sena) के दावों पर हुई। मथुरा की स्थानीय अदालत ने ईदगाह का अमीन सर्वेक्षण करने का आदेश जारी किया। वादी पक्ष के वकील शैलेश दुबे ने बताया कि 8 दिसंबर को हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता तथा उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने अपना दावा पेश किया था। अदालत के आज के फैसले से उन्हें ख़ुशी मिली है। 

मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस जारी

मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने अपने आदेश में विवादित स्थल के सर्वे के लिए समय सीमा भी निर्धारित की। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, सर्वे रिपोर्ट 20 जनवरी तक अदालत के सामने सौंपनी होगी। मथुरा कोर्ट ने इस मामले से भी जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भी जारी किया है। अदालत ने वादी विष्णु गुप्ता की अपील पर अमीन से भी रिपोर्ट मांगी है।

हिंदू पक्ष ने अदालत में पेश किया था इतिहास

इस मामले में सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष ने इतिहास पेश किया। बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान (Sri Krishna Birthplace) की 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब (Aurangzeb) ने मंदिर तोड़कर ईदगाह (Shahi Mosque Eidgah) तैयार करवाया था। हिन्दू पक्ष ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास कोर्ट के सामने पेश किया। उन्होंने वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ (Sri Krishna Janmasthan Seva Sangh) बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध करार देते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है।

3 दिनों के भीतर अमीन रिपोर्ट दाखिल करें

श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े एक अन्य मामले में वादी पक्ष के वकील महेंद्र सिंह ने बताया कि अदालत ने अमीन से 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। वादी विष्णु गुप्ता ने अदालत से 13.37 एकड़ जमीन मुक्त कराने की मांग की है।

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