Meerut: लोकसभा चुनाव से पहले RLD को झटका, रालोद चिकित्सा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाशिम रज़ा कांग्रेस में शामिल

Meerut News: कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी के अनुसार डॉ. हाशिम रजा जैदी के पिता जी स्वर्गीय नजर मोहम्मद कांग्रेस पार्टी से 1980 में मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव लड़े। बिजनौर की मीरापुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से चुनाव भी लड़े।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2023-11-30 14:56 GMT

Meerut News (Pic:Newstrack)

Meerut News: रालोद चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. हाशिम रजा जैदी ने आज कांग्रेस का दामन थाम राष्ट्रीय लोकदल को तगड़ा झटका दिया है। उन्होंने आज कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने एआईसीसी दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का पटका पहनाकर ज्वाइन कराई। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी ने दी। उन्होंने बताया कि डॉ. हाशिम रजा जैदी को पार्टी ज्वाइन कराने में उनके अलावा हेमंत प्रधान एआईसीसी ओबीसी सेल, तनवीर अहमद, अब्दुल अहमद पंवार शामिल रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी के अनुसार डॉ. हाशिम रजा जैदी के पिता जी स्वर्गीय नजर मोहम्मद कांग्रेस पार्टी से 1980 में मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव लड़े। बिजनौर की मीरापुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से चुनाव भी लड़े। प्रवक्ता के अनुसार नजर मोहम्मद जैदी चौधरी चरण सिंह जी के इलेक्शन एजेंट रहे। लोकदल के जिलाध्यक्ष के अलावा जिला बार के अध्यक्ष, माइनोरिटी कमीशन के पूर्व सदस्य आदि जैसे पदों पर रहे हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल में घमासान मचा है। पार्टी के बड़े नेता लगातार इस्तीफा दे रहे हैं और पार्टी की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। डॉ. हाशिम रजा जैदी से पहले पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह, युवा रालोद के राष्ट्रीय सचिव अमित कुमार पटेल और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ मौहम्मद ने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ नेताओं की कार्यशैली ठीक नहीं है और शीर्ष नेतृत्व ने किसानों की आवाज उठाना बंद कर दिया है।

उनका आरोप है कि पार्टी में स्वघोषित दूसरे नंबर के नेता पार्टी के बेस वोट बैंक से ही नफरत करते हैं। इन नेताओं से पहले एक नवंबर को पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष शब्बीर अली और काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष नौशाद खान नेअनेक पदाधिकारियों और समर्थकों के साथ पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर अल्पसंख्यक समाज के नेताओं की बात न सुनने तथा अपमानित करने का आरोप लगाया था।

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