सावरकर को दिया जाए भारत रत्न, भारतीय करेंसी पर छपे तस्वीर, हिन्दू महासभा ने सरकार से की मांग
Meerut News: विनायक दामोदर दास सावरकर को ब्रिटिश राज में अंडमान निकोबार की जेल में काला पानी की सजा सुनाई गई थी। महात्मा गांधी की हत्या में भी सावरकर का नाम आया था, लेकिन जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी।
Meerut News: अखिल भारत हिन्दू महासभा ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग उठाते हुए कहा कि सरकार की उनके प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि यही होगी कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। हिन्दू महासभा के नेताओं ने कहा कि वीर सावरकर द्वारा की गई राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा को झुठलाया नहीं जा सकता। इसके साथ ही महासभा ने यह मांग भी की है कि नये बने संसद भवन परिसर में वीर सावरकर की एक विशाल अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित कराई जाये। इसके अलावा भारतीय करेंसी से महात्मा गांधी का फोटो हटाकर वीर सावरकर का फोटो लगाया जाए।
हिंदू महासभा ने अपने प्रमुख कार्यालय पर पूजा अर्चना कर और उनका अभिषेक किया, इस दौरान हिंदू महासभा के सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि विनायक दामोदर दास सावरकर को ब्रिटिश राज में अंडमान निकोबार की जेल में काला पानी की सजा सुनाई गई थी। महात्मा गांधी की हत्या में भी सावरकर का नाम आया था, लेकिन जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। सावरकर जयंती के मौके पर हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने संयुक्त रूप से सावरकर को भारत रत्न देने की मांग उठाते हुए कहा कि सरकार की उनके प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि यही होगी कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
उन्होंने यह मांग भी की कि सरकार भारतीय करंसी से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाकर सावरकर की तस्वीर लगाए। हिन्दू महासभा के नेताओं ने कहा कि वीर सावरकर द्वारा की गई राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा को झुठलाया नहीं जा सकता। पंडित अशोक शर्मा ने वीर सावरकर के जीवन चित्रण का स्मरण करते हुए कहा कि विनायक दामोदर सावरकर जी का जन्मः 28 मई 1883 एवं उनकी मृत्युः 26 फरवरी 1966 को हुईं थी। वह भारत के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी,समाजसुधारक,इतिहासकार, राष्ट्रवादी नेता तथा विचारक थे। उन्हें प्रायः स्वातन्त्र्यवीर ,वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है हिन्दू राष्ट्रवाद की राजनीतिक विचारधारा (’हिन्दुत्व’) को विकसित करने का सबसे बड़ा श्रेय सावरकर को ही जाता है वह एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार भी थे। उन्होंने परिवर्तित हिन्दुओं के हिन्दू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं इसके लिए कईं आन्दोलन भी चलाये।
उन्होंने भारत की एक सामूहिक “हिन्दू“ पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद, प्रत्यक्षवाद मानवतावाद, सार्वभौमिकता,व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक कट्टर तर्कबुद्धिवादी व्यक्ति थे जो सभी धर्मों के रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे और वह अपने पूरे जीवन काल में सिर्फ और सिर्फ एक ही राजनीतिक संगठन से जुड़े रहे जिस संगठन का नाम अखिल भारत हिंदू महासभा है। हिंदू महासभा के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने इस मौके पर बताया कि आज हिंदू महासभा द्वारा भारत के प्रधानमंत्री एवं भारत सरकार को एक खुला पत्र लिखा जो 2 दिन बाद स्पीड पोस्ट डाक द्वारा भारत सरकार को भेजा जाएगा जिसमें तीन मुख्य मांग की गई है।
पहली मांग वीर सावरकर जी को भारत रत्न देकर सम्मानित करने की है। दूसरी मांग भारत में बन चुके नए संसद भवन परिसर में वीर सावरकर की एक विशाल अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित कराएं जाने तथा अति शीघ्र भारतीय मुद्रा पर से हिंदू विरोधी गांधी का चित्र हटाकर उस पर वीर सावरकर सहित अन्य राष्ट्रवादी महान नेताओं के चित्रों का चित्रण करने की है। साथ-साथ नए संसद भवन परिसर में गांधी वध के सभी महानायकों का एक विशाल चित्र लगाकर भारत से गांधीवाद को खत्म करने में हम हिंदू महासभा के लोगों का सहयोग करने की गई है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से हिंदू डिफेंस लिंग के राष्ट्रीय संयोजक निशांत जिंदल महानगर अध्यक्ष भरत राजपूत महानगर उपाध्यक्ष शेखर पंडित विक्की कुमार महानगर मंत्री प्रथम दीक्षित हनी कुमार मीडिया प्रभारी ललित कुमार और प्रचार मंत्री अरविंद शर्मा कार्यालय मंत्री दीपक शर्मा शानू गोयल सहित अन्य हिंदू महासभा के कार्यकर्ता मौजूद रहे।