Meerut News: चुनावी मौके पर राष्ट्रीय लोकदल में मची भगदड़, जयंतचौधरी की बढ़ाई चिंता
Meerut News: पार्टी प्रवक्ता आतिर रिजवी ने पार्टी के दो बड़े नेताओं के त्याग पत्र पर इतना ही कहा कि पार्टी में दोनो नेताओं को उनके कद से भी अधिक सम्मान मिला। बावजूद इसके उनका पार्टी से त्याग-पत्र देना समझ में ना आने वाली बात है।
Meerut News: चुनावी मौके पर राष्ट्रीय लोकदल में मची भगदड़ ने जयंत चौधरी की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि कल राष्ट्रीय लोकदल अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महमूद आरिफ और राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने पार्टी के पद और राष्ट्रीय लोकदल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिए हैं। इन दोनो नेताओं के बीजेपी में जाने की चर्चा है।
पार्टी प्रवक्ता आतिर रिजवी ने पार्टी के दो बड़े नेताओं के त्याग पत्र पर इतना ही कहा कि पार्टी में दोनो नेताओं को उनके कद से भी अधिक सम्मान मिला। बावजूद इसके उनका पार्टी से त्याग-पत्र देना समझ में ना आने वाली बात है। पार्टी प्रवक्ता की मानें तो इस तरह के नेताओं के आने-जाने से पार्टी प्रभावित नहीं होती है। उधर,राजनीतिक हलकों गश्त कर रही अटकलों के अनुसार कल इस्तीफा देने वाले दोनो नेता एक-दो दिनों में बीजेपी में जाने की घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो दोंनो नेताओं की बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व से इस संबंध में वार्ता भी हो चुकी है।
उधर,पार्टी से त्याग पत्र देने वाले मनजीत सिंह का कहना है कि अगस्त महीने से लेकर अक्टूबर महीने तक हुए घटनाक्रम से कई बार अवगत कराने के बावजूद जयंत चौधरी ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। राष्ट्रीय लोकदल ने अपने बेस वोटर किसान की आवाज उठाना भी बंद कर दिया है। जो भी नेता किसानों की आवाज उठाना चाहता है, उसे दबा दिया जाता है। दिल्ली मुख्यालय में स्व: घोषित दूसरे नंबर के नेता राष्ट्रीय लोक दल के बेस वोट जाट-मुस्लिम तथा किसानों से नफरत करते हैं। वह चाहते हैं कि प्रत्येक नेता तथा कार्यकर्ता उनके सामने दंडवत रहे। जबकि उनके लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है।
वहीं महमूद आरिफ का कहना है कि उन्होंने 27-28 साल तक रालोद में विभिन्न पदों पर रहते हुए एक अनुशासित सिपाही के रूप में कार्य किया है। लेकिन चार-पांच महीने से देखा जा रहा है कि पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव एवं संगठन मंत्री और उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री और कार्यालय प्रभारी बराबर अल्पसंख्यक वर्ग के प्रति अपमानित करने वाली भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। यहां तक कि प्रदेश कार्यालय से भी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के लोगों को दूर कर दिया गया। इस ओर ध्यान दिलाए जाने के बावजूद जयंत चौधरी ने विचार तक नहीं किया। महमूद आरिफ ने कहा कि अब ऐसा लगने लगा है कि संगठन से जुड़े हुए अल्पसंख्यक समाज की पार्टी को कोई जरूरत नहीं रह गई है। ऐसे में उनका पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं रह गया था।
गौरतलब है कि पिछले महीने ही राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के कद्दावर नेता रहे नवाब कोकब हमीद के बेटे नवाब अहमद हमीद राष्ट्रीय लोक दल छोड़कर कांग्रेस में जा चुके हैं। इससे पहले चौधरी यशवीर सिंह, राममेहर सिंह और राहुल देव जैसे बड़े नेता और पहले ही राष्ट्रीय लोकदल से किनारा कर चुके हैं। गत वर्ष रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को पत्र भेजकर विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने और दलितों-अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ी थी।