सिविल सेवा के छात्रों को सुविधाएं न देने की लापरवाही पड़ेगी भारी: रमापति शास्त्री
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने सिविल सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा 2020 की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग के चयनित छात्रों को कोचिंग के दौरान सभी आवश्यक सुविधायें समय से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही होगी।
लखनऊ: प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने सिविल सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा 2020 की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग के चयनित छात्रों को कोचिंग के दौरान सभी आवश्यक सुविधायें समय से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही होगी।
यह भी पढ़ें…यूपी की जनता को लगा बिजली का झटका, सरकार ने 12% तक बढ़ाए दाम
छत्रपति शाहू जी महाराज एवं प्रशिक्षण संस्थान भागीदारी भवन में मंगलवार को सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा 2020 की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग सत्र के छात्रों को बताया कि इस संस्थान से कुल 200 छात्र विभिन्न सरकारी विभागों एवं संस्थानों के विभिन्न पदों पर चयनित होकर सेवाये दे रहे है। उन्होने कहा कि आईएएस और पीसीएस से सम्बधित आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के अत्यन्त उच्च कोटि के स्तर के विषय विशेषज्ञों द्वारा अभ्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें…मचा हाहाकार! बाजार को लगा अब तक का बड़ा झटका, 770 अंक लुढ़का सेंसेक्स
उन्होंने छात्रों से कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति की लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि विभिन्न जनपदों से छात्र यहां कोचिंग के लिए प्रवेश लिए है और इस संस्थान में कोचिंग के दौरान अनुशासन में रहकर तैयारी करें।
समाज कल्याण राज्य मंत्री डा. गिर्राज सिंह धर्मेश ने कहा कि आईएएस और पीसीएस सिविल सेवा का एक ऐसा पद है, जिसको हर छात्र पाना चाहता है। उन्होने कहा कि मेहनत से पढाई करेगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। आईएएस तथा पीसीएस की परीक्षा पास करके देश व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकते है।
यह भी पढ़ें…मंहगाई से मिलेगा छुटकारा: जल्द मोदी सरकार करेगी इसमें सुधार
बताते चले कि संस्थान में अनुसूचित जाति के 45 प्रतिशत, अनुसचित जनजाति के पांच प्रतिशत एवं अन्य पिछडावर्ग के 50 प्रतिशत अभ्यार्थियों को परीक्षा पूर्व कोंचिग के लिए चयन कर प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था है।