बामी हत्याकांड: SIT गठन के बाद भी नहीं हुआ खुलासा, 4 पुलिसकर्मी हुए लाईन हाजिर
जिले के डीएम शुशील कुमार पटेल ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने परिजनों को अस्वस्थ किया था। कहा था कि इस हत्याकांड का खुलासा अगले तीन के अंदर हो जाएगा । लेकिन तीन बच्चों की हत्या का अनावरण पुलिस पंद्रह दिन बाद भी नही कर पाए।
मिर्ज़ापुर: थाना लालगंज के बामी गाँव मे एक दिसम्बर को तीन बच्चों की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी। जिसको लेकर पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी जोन ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया था। पुलिस महानिरीक्षक ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया था। कहा था चौबीस घंटे के अंदर बच्चो के हत्यारों को पकड़ कर इस घटना का अनावरण किया जाएगा। लेकिन पुलिस की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। हत्याकांड के पंद्रह दिन बित जाने के बाद भी घटना का अनावरण करने में पुलिस असफल रही।
जिले के डीएम शुशील कुमार पटेल ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने परिजनों को अस्वस्थ किया था। कहा था कि इस हत्याकांड का खुलासा अगले तीन के अंदर हो जाएगा । लेकिन तीन बच्चों की हत्या का अनावरण पुलिस पंद्रह दिन बाद भी नही कर पाए। जिसको लेकर परिजनों में काफी आक्रोश है।
ये भी पढ़ें: शहीद डिप्टी कमांडेट का पार्थिव शरीर पहुंचा मुजफ्फरनगर, शोक में डूबा गांव
हत्या जैसी घटना का अनावरण पुलिस प्रशासन के नही कर पाने पर, असफल होने पर जिले के एसपी ने थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी पर गाज गिरा कर पुलिस लाइन स्थानांतरित कर दिया।पुलिस लाइन स्थानांतरित होने वाले अफसरों में थाना प्रभारी हरिशचन्द्र सरोज लालगंज, उपनिरीक्षक पंकज राय चौकी प्रभारी लहंगपुर, उपनिरीक्षक हैदर अली, कांस्टेबल सुदिष्ट कुमार पाण्डेय चौकी लहंगपुर एवं डंकिनगंज चौकी प्रभारी अनवर खान को पुलिस लाइन स्थान्तरित कर दिया।
पुलिस की नाकामी को छुपाने में जुटी सरकार
लालगंज थाना क्षेत्र के बामी गांव में बीते एक दिसंबर को बेरहमी से निर्ममता पूर्वक तीन बच्चों की हत्या कर दिया गया था पास के ही जंगल के गाँव के समीप एक बंधी में तीनो बच्चो का शव पानी मे छुपा दिया था। वही दूसरी तरफ परिजनों ने घर से गायब हुए बच्चो की काफी खोजबीन के बाद जब बच्चे नहीं मिले तो परिजनों ने लालगंज थाने में गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज कराया था। जिसके बाद दो दिसंबर को बच्चों का शव गांव के समीप के बंधे से बरामद हुआ था। पुलिस बच्चों के शव को पानी में डूबना बता रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चों के शरीर पर काफी चोटें थी। जिसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन पुलिस इस मामले का खुलासा करने में नाकाम है।
ये भी पढ़ें: सिपाही भर्ती: नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, STF ने 5 लोगों को किया गिरफ्तार
आखिर बड़े अफसरों को क्यों बचा रही है सरकार
बामी हत्याकांड को लेकर जिले के एसपी और विंध्याचल परीक्षेत्र के आईजी, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी जोन ने स्वयं घटनास्थल पर पहुँचकर निरीक्षण किया था। इस हत्या का अनावरण करनेें के लिए एसआईटी का गठन एडीजी जोन वाराणसी ने किया था। लेकिन हत्याकांड के पंद्रह दिन बित जाने के बाद भी हत्यारो का पता लगाने में नाकाम रही, जिसको लेकर मंगलवार को नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा, के साथ छानबे विधायक राहुल प्रकाश कोल ने उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मिलकर परिजनों को मुआवजे के साथ साथ पुलिस की कार्यशैली को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया। जिसके बाद मिर्ज़ापुर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने जांच कर रहे कुछ पुलिस कर्मियों का पुलिस लाइन स्थानांतरण कर दिया।
रिपोर्ट: बृजेन्द्र दुबे