बेशकीमती जमीन पर नेता का कब्जा! ग्रामीणों ने SDM से लगाई गुहार

यह सत्ता का सुरूर है, जिसके सवार होने के बाद इंसान हर बंदिशों को पार कर जाने को बेताब हो जाता है। मामला मड़िहान तहसील क्षेत्र के अमोई पुरवा गांव का है, जहां सत्ता के नशे में चूर यह एक नेता विवादित जमीन को कब्जा करने को लेकर बेताब है।

Update:2020-11-09 21:19 IST
बेशकीमती जमीन पर कब्ज़ा, डर से पहुंचे एसडीएम के पास, उन्होंने दिया आश्वासन

मिर्जापुर: यह सत्ता का सुरूर है, जिसके सवार होने के बाद इंसान हर बंदिशों को पार कर जाने को बेताब हो जाता है। मामला मड़िहान तहसील क्षेत्र के अमोई पुरवा गांव का है, जहां सत्ता के नशे में चूर यह एक नेता विवादित जमीन को कब्जा करने को लेकर बेताब है। मामला मड़िहान तहसील क्षेत्र के अमोई गांव का है जहां के ग्रामीणों ने विवादित जमीन पर एक नेता द्वारा कब्जा करने को लेकर सोमवार को तहसील में प्रदर्शन किया, प्रदर्शन कर ग्रामीणों ने मांग किया कि उनके गांव की ग्राम सभा की जमीन है, जहां उनका घर बना है।

गलत तरीके से ज़मीन कराई अपने नाम

ऐसे में एक नेता ने गलत तरीके से जमीन अपने नाम करा लिया है। मामले को लेकर अभी न्यायालय में विवाद चल ही रहा है। लेकिन नेताजी सत्ता का हनक दिखाकर जमीन पर लगातार कब्जा कर रहे हैं। भूमाफिया सत्ता की हनक दिखाने की बात कह के ग्रामीणों के ऊपर दबाव बना रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कब्जा करने वाले लोगों को सत्ता पक्ष के करीबी हैं, ऐसे में उनकी मदद करने में प्रशासन जुटी हुई है ।आखिर माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही करने की बात कहने वाले सरकार के अपने ही लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा करने को बेताब हैं।

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बेशकीमती जमीन पर फर्जी तरीके नाम दर्ज

आइए जानते है पूरा मामला मड़िहान तहसील के अमोई गाँव की बेशकीमती जमीन पर फर्जी तरीके से दूसरे तहसील लालगंज के निवासी उमाशंकर पटेल पुत्र राम अधीन निवासी बरी खम्हरिया लालगंज का ग्राम सभा की भूमि पर नाम दर्ज हो गया। इनके मृत्यु के बाद इनके दो पुत्रों के नाम वरासत में दर्ज हो गया। लेकिन जब गाँव के लोगो ने विरोध किया तो सन 2005 में यह पूरी भूमि गाँव मे पुनः दर्ज हो गया। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद गाँव के ही चंद्रावती पत्नी कल्लू ने विवादित भूमि उमाशंकर के लड़के से बैनामा ले लिया।

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जब गांव के लोगों ने विरोध किया तो न्यायालय उपजिलाधिकारी ने विवादित भूमि का आधा रकबा राज्य सरकार के खाते में निहित कर लिया। लेकिन मजे की बात यह है कि किस आधार पर आधा रकबा राज्य सरकार के खाते में दर्ज हुआ। उधर ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन पर गाँव के कुछ लोग नजर गड़ाए बैठे थे जिसपर मौका देखकर उमाशंकर के बेटे से बैनामा करा लिया। जबकि उस जमीन पर गाँव के ही भूमिहीन अपना मकान बनाकर जिंदगी गुजर बसर कर रहे है।

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वर्जन

मामले में एसडीएम मड़िहान रोशनी यादव ने बताया कि इस मामले में जांच के लिए तहसीलदार मड़िहान को निर्देशित किया गया है। तहसीलदार मड़िहान मामले में मौके पर जाकर निरीक्षण कर आख्या देंगे। जांच के बाद मामले में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

बृजेन्द्र दुबे

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