पुलिसकर्मी ने घर पर ही साले को ट्रेनिंग देकर बना दिया सिपाही, जानें क्या है पूरा खेल

प्रदेश के मुरादाबाद के कोतवाली ठाकुरद्वारा इलाके में डायल 112 में तैनात आरक्षी अनिल कुमार को हिरासत में लिया गया है।

Report :  Shahnawaz
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-18 12:06 GMT

फर्जी पुलिसकर्मी अनिल सोनी की खुली पोल (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Moradabad Crime News: प्रदेश के मुरादाबाद के कोतवाली ठाकुरद्वारा इलाके में डायल 112 में तैनात आरक्षी अनिल कुमार को हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि उसने साजिश कर अपने सगे साले अनिल सोनी को घर पर ही पुलिस की ट्रेनिंग देकर नौकरी पर भेजना शुरू कर दिया। इसकी सूचना किसी ने पुलिस अधिकारी को दी जिसके बाद कराई गई गोपनीय जांच में इस पूरे खेल का खुलासा हुआ है। पुलिस ने असली भर्ती हुये आरक्षी अनिल कुमार को हिरसत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि उसका साला नक़ली अनिल कुमार उर्फ़ अनिल सोनी फ़रार हो गया है।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली का रहने वाला है, अनिल कुमार ने वर्ष 2011 में बरेली से पुलिस भर्ती के दौरान आवेदन किया था, जहां वह ट्रेनिंग के दौरान फेल हो गया। फ़िर उसने वर्ष 2012 में मेरठ में हुई पुलिस भर्ती में आवेदन किया, लेकिन इस बार भी उसका नहीं हो पाया। वर्ष 2012 नवंबर में तीसरी बार अनिल कुमार ने गोरखपुर में आवेदन किया, जहां उसका चयन आरक्षी के लिये हो गया। ट्रेनिंग पूरी कर अनिल कुमार को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाकर पहली बार बरेली जनपद में पोस्टिंग मिली। अनिल कुमार ड्यूटी करने लगा, लेकिन जब उसका तबादला पुलिस नियम के मुताबिक़ बरेली रेंज से मुरादाबाद रेंज किया गया, तो बस यहां से ही साजिश का खेल शुरू हो गया।

मुरादाबाद रेंज में तबादला होने के बाद शातिर पुलिसकर्मी अनिल कुमार ने अपने स्थान पर ही अपने सगे साले अनिल सोनी को मुरादाबाद बुलाया और बरेली से जारी अपने प्रस्थान आदेश की कॉपी लेकर मुरादाबाद के पुलिस अधिकारियों के सामने पेश किया। जहां से अनिल कुमार के स्थान पर अनिल सोनी की आमद को दर्ज कर लिया गया। वहीं भर्ती करने वाले पुलिस अधिकारी ने फोटो का मिलान नहीं किया, जिसके चलते अनिल कुमार के स्थान पर अनिल सोनी ड्यूटी करने लगा।

अनिल कुमार ने ट्रेनिंग के दौरान जो जो पुलिस के तरीके थे, उसकी पूरी ट्रेनिंग अपने साले का घर पर दे डाली। जब वह ट्रेनिंग में महारत हासिल कर ली तो वह बेझिझक पुलिस की नौकरी को अंजाम देने लगा। ड्यूटी के दौरान अनिल सोनी को पुलिस लाइन से सरकारी असलहा भी जारी किया गया, जिसमें पिस्टल, कार्बाइन, एसएलआर तक उसे दिया गया।

इस दौरान ग़नीमत ये रही कि कभी किसी बदमाश से पुलिस की मुठभेड़ नहीं हुई, अगर मुठभेड़ हो जाती तो उस वक़्त ड्यूटी पर तैनात सरकारी हथियार चलाने में अनट्रेंड अनिल सोनी ख़ुद को या अपने साथ के किसी भी पुलिस कर्मी को घायल कर सकता था। फिलहाल मुरादाबाद के पुलिस अधिकारी इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता अनिल कुमार को हिरासत में लेने के बाद अब जांच की बात कर रहे हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि अगर विभाग के किसी अन्य पुलिसकर्मी ने भी अनिल कुमार का इस साजिश में साथ दिया है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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