अद्भुत दिये-मूर्तियां: प्रयोग के बाद बन जायेंगे पौधे, नगर निगम की अनूठी पहल
लखनऊ नगर निगम इस बार दीपावली के लिए मिट्टी के विशेष पर्यावरण अनुकूल दिए और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनवा रहा है। इनकी खासियत यह है कि इन सभी दियों और मूर्तियों को गाय के गोबर और मिट्टी के मिश्रण से तैयार किया जा रहा है
लखनऊ: बढ़ते प्रदूषण से सभी परेशान है। हालात यह है कि पूरे दिन भर छायी प्रदूषण की चादर सूरज को भी छिपा लेती है। लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। आगामी दीपावली के त्यौहार पर पटाखे छुड़ाने से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए योगी सरकार गाइडलाइन भी तैयार कर रही है। इसी दिशा में एक सार्थक कदम उठाया है लखनऊ नगर निगम ने।
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लखनऊ नगर निगम इस बार दीपावली के लिए मिट्टी के विशेष पर्यावरण अनुकूल दिए
नगर निगम इस बार दीपावली के लिए मिट्टी के विशेष पर्यावरण अनुकूल दिए और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनवा रहा है। इनकी खासियत यह है कि इन सभी दियों और मूर्तियों को गाय के गोबर और मिट्टी के मिश्रण से तैयार किया जा रहा है और सभी में तुलसी और गिलोय जैसे औषधीय पौधों के बीजों को भी डाला गया है। अब इन दियों और मूर्तियों प्रयोग के बाद भी ये बेकार नहीं होंगे बल्कि मिट्टी में दबने पर इनमे से स्वतः ही पौधे निकल आयेंगे। राजधानी के कान्हा उपवन में तैयार किए जा रहे इन दियों और मूर्तियों की खासयित ये है कि ये गिरने पर भी टूटते नहीं है।
लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी बताते है
लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी बताते है कि नगर निगम पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए एक पहल के तहत दीपावली के लिए करीब एक लाख दियों और मूर्तियों का निर्माण कर रहा है। वह बताते है कि गाय के गोबर और मिट्टी के मिश्रण से बनाये जा रहे पर्यावरण अनूकूल इन मूर्तियों और दियों में औषधीय पौधों के बीजों को डाला गया है। अब प्रयोग किए जाने के बाद जब ये मूर्तियां और दिये मिट्टी में दब जायेंगे तो इनमे से पौधे निकल आयेंगे। उनका कहना है कि निगम इन दियों को दीपावली के मौंके पर बाजार में बेचेंगा फिलहाल इनकी काफी मांग आ रही है।
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पर्यावरण अनूकूल दियों और मूर्तियों को बनाने के लिए लखनऊ के तमाम कुम्हारों और कलाकारों को इस कार्य में लगाया गया है। मूर्तियों की साज-सज्जा के लिए महिलाओं को विशेष तौर पर लगाया गया है। स्वयं सहायता समूह की 15 महिलाएं यहां काम करती है और रोजाना 500 रुपये तक कमा लेती है।
मनीष श्रीवास्तव
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