Muzaffarnagar News: अवैध प्लाटिंग पर चला बुलडोज़र, 60 करोड़ के प्रस्तावित निर्माण को बनने से पहले उजाड़ा

Muzaffarnagar News: बताया जा रहा है कि तकरीबन 100 बीघा जमीन पर ये अवैध कॉलोनी बनाई जा रही थी। जिसकी कीमत करीब 60 करोड़ रूपए है।

Update: 2023-06-05 20:53 GMT
cm Yogi Adityanath bulldozer runs on the plot being built for illegal colony

Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में एक बार फिर से विकास प्राधिकरण के द्वारा अवैध कॉलोनी बनाने के लिए की जा रही प्लाटिंग पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया है। बताया जा रहा है कि तकरीबन 100 बीघा जमीन पर ये अवैध कॉलोनी बनाई जा रही थी। जिसकी कीमत करीब 60 करोड़ रूपए है। भोपा रोड पर स्थित मुस्तफाबाद गांव में अंकित बंसल नाम के एक व्यक्ति द्वारा इस जमीन पर एक अवैध कालोनी बनाई जा रही थी। जिसपर आज एमडीए के द्वारा बुलडोजर चलवाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है।

पहले भी हुई थी इसी जगह कार्रवाई, भूमाफियाओं ने दोबारा किया निर्माण का प्रयास

जानकारी के मुताबिक इस कॉलोनी पर एमडीए के द्वारा पहले भी एक बार कार्रवाई की जा चुकी है। लेकिन जनपद में भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि कार्रवाई के बाद फिर से इस कॉलोनी को बसाया जा रहा था। कार्रवाई के बारे में अधिक जानकारी देते हुए एमडीए सचिव आदित्य प्रजापति ने बताया कि एमडीए द्वारा मुज़फ्फरनगर में अवैध कालोनियों पर प्रवर्तन की कार्रवाई की गई है। यहां भोपा रोड पर गांव मुस्तफाबाद में ये अवैध कालोनी बनाई जा रही थी। उसका ध्वस्तीकरण आज किया गया है। अगर दोबारा ऐसा हुआ तो उनके खिलाफ सक्षम धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। इनके खिलाफ एंटी भूमाफिया की कार्रवाई भी की जाएगी। जिस भूमि पर इन्होंने अवैध प्लाटिंग की थी, उसकी कीमत करीब 60 करोड़ रूपए बताई जा रही है। एमडीए अवैध प्लाटिंग और अवैध निर्माण के खिलाफ दृढ़ संकल्पित है और मुज़फ्फरनगर में अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।

प्लाट खरीदने वालों को क्या होगा!

मुजफ्फरनगर में ऐसी कार्रवाई अक्सर होती रहती हैं और भूमाफियाओं पर शिकंजा कसा जाता रहा है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जो लोग अपनी मेहनत की कमाई से ऐसे बिल्डरों के झांसे में आकर प्लॉट खरीद लेते हैं। यदि उस कालोनी पर कार्रवाई हो जाती है, तो उनके नुकसान की भरपाई कैसे होगी। अक्सर ऐसे मामलों में देखा गया है कि बिल्डर खरीदारों से पल्ला झाड़ लेते हैं। पीड़ित पुलिस-प्रशासन के पास फरियाद लेकर पहुंचते रहते हैं।

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