Muzaffarnagar News: फिरंगी महली का बड़ा बयान, बोले- हम तैयार कर रहे जैसा भविष्य, वह सभी धर्म और देश के लिए खतरनाक

Muzaffarnagar News: फिरंगी महली ने कहा कि हमें तालीम के साथ संस्कारों की भी जरूरत है। किस तरह से शिक्षकों की ट्रेनिंग हो और किस तरह से शिक्षक सही तौर पर बच्चों को वह पढ़ाएं। हमें इस तरफ ध्यान देना पड़ेगा। जिससे बच्चों तक अच्छी शिक्षा और संस्कार पहुंच सके।

Update:2023-08-26 16:04 IST
फिरंगी महली ने कहा कि हमें तालीम के साथ संस्कारों की भी जरूरत है: Photo-Newstrack

Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में स्कूल में बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश में राजनीति गर्मा गई है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और असदुद्दीन ओवैसी समेत तमाम नेताओं ने यूपी सरकार को इस मामले पर जमकर घेरा है। तो सरकार ने भी पूरे मामले की जांच करने की बात कही है।

वहीं इस मामले को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का भी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में जिस तरह से महिला शिक्षक बच्चों को पढ़ा रही है। अगर इस तरीके से पढ़ाई कराई जाएगी, तो खुद सोच सकते हैं कि हम किस तरीके का भविष्य तैयार कर रहे हैं। यह सभी धर्म और देश के लिए बेहद खतरनाक है।

मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि हमें तालीम के साथ संस्कारों की भी जरूरत है। किस तरह से शिक्षकों की ट्रेनिंग हो और किस तरह से शिक्षक सही तौर पर बच्चों को वह पढ़ाएं। हमें इस तरफ ध्यान देना पड़ेगा। जिससे बच्चों तक अच्छी शिक्षा और संस्कार पहुंच सके। शिक्षा के साथ बच्चों के बीच धर्म और मजहब की दीवार न खड़ी हो और आपस में प्रेम भावना पैदा हो। इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में जिस तरह से महिला शिक्षक बच्चों को पढ़ा रही है। अगर इस तरीके से पढ़ाई कराई जाएगी, तो खुद सोच सकते हैं कि हम किस तरीके का भविष्य तैयार कर रहे हैं। यह सिर्फ एक धर्म के लिए नहीं बल्कि सभी धर्मों और देश के लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए सभी कॉलेज और स्कूलों के जिम्मेदार लोग इस तरफ ध्यान दें। जिससे बच्चों को अच्छी तालीम दी जा सके।

मुसलमानों में ऊंच और नीच का कोई भी फर्क नहीं किया जाता-

वहीं मुस्लिम पसमांदा समाज को लेकर भाजपा की राजनीति पर भी फिरंगी महली ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों में ऊंच और नीच का कोई भी फर्क नहीं किया जाता। इस्लाम में सभी इंसान को एक समान माना गया है। सभी को बराबरी का हक हासिल है। इसलिए यह कहना कि किसी काम में कोई ऊंचा है और कोई नीचा। इसकी इजाजत न तो हमें कोई मजहब देता है और ना ही हमारा संविधान। उन्होंने कहा कि मुस्लिम वोट डालकर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का जरूर प्रयोग करें। कौन मुस्लिम किसको वोट करेगा या कोई भी तय नहीं कर सकता।

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