स्वावलंबी भारत की पहचान नई शिक्षा नीति में समाहित हैः राज्य मंत्री नीलिमा कटियार
डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में आज नई शिक्षा नीति पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि नीलिमा कटियार, राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्तर प्रदेश ने कहा कि आज देश समग्रता के साथ आगे बढ़ रहा है।
अयोध्या: डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में आज नई शिक्षा नीति पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि नीलिमा कटियार, राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्तर प्रदेश ने कहा कि आज देश समग्रता के साथ आगे बढ़ रहा है।
देश के भविष्य को मिलकर अच्छा बनाना है...
देश के वर्तमान भविष्य सभी को मिलकर अच्छा बनाना है। किसी भी देश की शिक्षा व्यवस्था उस देश के विद्यार्थियों को देखकर पता चल सकती है। उन्होंने बताया कि हम दुनियां की सबसे समृद्ध शिक्षा व्यवस्था के आदर्शों पर चलने जा रहे है। जिस प्रकार प्राचीन काल में शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा एक साथ ग्रहण की जाती थी उसी प्रकार नई शिक्षा नीति में कई शिक्षा पद्धति को एक साथ लाया गया है। नीलिमा कटियार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
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आज भारत प्रत्येक आपदा में संभावना देख रहा है। स्वावलंबी भारत और उभरते हुए भारत की पहचान इस नई शिक्षा नीति में समाहित है। इस नीति का प्रसार जितना शीघ्रता से किया जायेगा उसका परिणाम उतनी ही शीघ्रता से प्राप्त होगा। इसके लिए शिक्षकों की भूमिका महत्वूपर्ण हो गई है। राज्यमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक एक विद्यार्थी दृढ़ संकल्प करे। तभी हम उत्कृष्टता के साथ आगे बढ़ सकेंगे एवं सक्षम बनेंगे। आज जरूरत है कि उन महापुरूषों के आदर्शों के प्रतिमान का अनुसरण करते हुए उनके रास्तों पर चलने की जो हमें हमारी पहचान से जोड़ती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सीखने और सिखाने का अनुसरण करना है।
प्रो. रविशंकर सिंह ने कही ये बात
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अवध विवि के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर देश के लिए नई शिक्षा नीति का अनुसरण करना होगा। समाज के सभी तबको को नई शिक्षा नीति के विविध पहलुओं से परिचित कराने के लिए शिक्षकों एवं छात्रों की भूमिका बढ़ गई है। विश्वविद्यालय ने इसे लागू कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। शीघ्र ही इसके सुखद परिणाम दिखाई देंगे। अंत में कुलपति प्रो0 सिंह ने दो दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए आयोजको को शुभकामनाएँ दी।
अन्य वक्ताओं में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो0 मनोज अग्रवाल, प्रो0 दिनेश कुमार, विवि आईईटी के निदेशक प्रो। रमापति मिश्र ने नई शिक्षा नीति पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो0 चयन कुमार मिश्र ने नई शिक्षा नीति पर अपने विचार रखते हुए आयोजकों को बधाई दी। कार्यक्रम के पहले दिन उद्घाटन सत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रो0 पी0वी0 राजीव एवं प्रो0 आर0एस0 मिश्र ने संबोधित किया।
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कार्यक्रम को सफल बनाने में डाॅ. मुकेश वर्मा, इंजीनियर नितेश दीक्षित, इंजीनियर राजीव कुमार, इंजीनियर आशीष पाण्डेय, इंजीनियर श्वेता मिश्र, डाॅ0 महिमा चैरसिया का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर कुलसचिव उमानाथ, , प्रो0 अशोक कुमार शुक्ल, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार वर्मा, डाॅ0 महेन्द्र सिंह, इंजीनियर चंदन अरोड़ा, इंजीनियर प्रवीण मिश्र, इंजीनियर नवीन पटेल सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
नाथ बख्श सिंह