स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही: मासूम बच्चे के साथ धरने पर बैठी महिला

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल औऱ बद से बदतर हैं। ज़िला सिद्धार्थनगर के स्वास्थ्य विभाग के लिए यह कोई...

Update: 2020-07-03 18:10 GMT

सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल औऱ बद से बदतर हैं। ज़िला सिद्धार्थनगर के स्वास्थ्य विभाग के लिए यह कोई नई बात नहीं है। आये दिन यहां का स्वास्थ्य विभाग अपने कारनामों के लिए प्रदेश की सुर्खियों में बना रहता है। ताज़ा मामला ज़िले के इटवा का है।

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दरअसल इटवा तहसील के बिसुनपुर की एक महिला जो कि इटवा सीएचसी में अपने बच्चे का इलाज करवाती है लेकिन बच्चे की हालत देख कर वहां के डाक्टर उसे ज़िले पर रेफर करते हैं। इलाज करवाने के लिए महिला जिला अस्पताल पहुंचती है तो ज़िला अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों की लापरवाही से आहत हो जाती है। यही नहीं अस्पताल की दीवारों पर लिखे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मोबाइल नम्बरों से महिला ने मदद मांगी लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली।

स्वास्थ्य मंत्री से भी मांगी मदद

बीते 1 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री दौरे पर थे। महिला ने स्वास्थ्य मंत्री से अस्पताल प्रशासन द्वारा अपने बच्चे के प्रति हो रहे लापरवाही को लेकर मदद मांगी लेकिन महिला के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री ने भी मामले में कोरोना का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया। महिला के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री के जिला अस्पताल से निकलते ही विभागीय कर्मचारियों ने इलाज में लापरवाही बरतते हुए किसी और बच्चे को लगाया हुआ इंजेक्शन उसके बच्चे को लगा दिया।

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महिला ने बताया कि बच्चे के शरीर मे खून की भी कमी थी, जिसके लिए उसे खून लाने को कहा गया। जब महिला खून लेकर आई तो उसके बच्चे को खून भी नहीं चढ़ाया गया। परेशान होकर महिला बच्चे को लेकर जिला अस्पताल के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गई और सड़क पर इंसाफ की गुहार लगाने लगी। मौके पर महिला को देख कर भीड़ इकट्ठा होने लगी, जिसके बाद सड़क भी जाम हो गई। मामले की खबर विभागीय अधिकारियों के पास भी पहुंची, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने इनकार कर दिया।

रिपोर्ट: इंतजार हैदर

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