नया नोएडा बसाने की तैयारियां तेज, शामिल किए जाएंगे 80 गांव

नया नोएडा बसाने की तैयारियां तेज हो गई है । निवेश के नजरिए से  यह विशेष निवेश क्षेत्र होगा।  जिसे दादरी नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र कहा जाएगा । 

Update: 2021-01-29 16:31 GMT
नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र के नाम से होगी पहचान

नोएडा। नया नोएडा बसाने की तैयारियां तेज हो गई है । निवेश के नजरिए से यह विशेष निवेश क्षेत्र होगा। जिसे दादरी नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र कहा जाएगा । उक्त क्षेत्र में 80 गांव को शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 की धारा 3 की उप धारा (1- क ) के साथ धारा 2 के खंड (ड-2 ) के तहत राज्यपाल ने इसकी घोषणा की है। इससे करीब 20 हजार हेक्टेयर जमीन नोएडा को मिलेगी । इसे इंटीग्रेटड सिटी के तौर पर बसाया जाएगा। इसमें बुलन्दशहर शहर के 60 गांव और गौतम बुध नगर के 20 गांव की जमीन को शामिल किया गया है । जिस जमीन पर इस निवेश क्षेत्र को बसाया जाना है यानी जिस गांव की जमीन अधिग्रहित की जाएगी उसका नक्शा भी बना दिया गया है।

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू

जहा निवेश के लिए औद्योगिक इकाईयां, कर्मचारियों के लिए आवास, पार्क, मार्केट व वाणिज्यिक गतिविधियों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। राज्य सरकार ने इसकी जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण को दी है। इससे शहर का आकार दो गुना हो जाएगा इसकी सीमा बुलंदशहर तक हो जाएगी। हाल ही में शासन स्तर पर हुई एक बैठक में निर्णय लिया गया कि मास्टर प्लान 2०31 के तहत नोएडा शहर का विकास लगभग पूरा हो चुका है। निवेश के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां यहा प्लांट लगाने को आतुर है। उनको देने के लिए प्राधिकरण के पास जमीन नहीं है। प्राधिकरण का उदेश्य भी उद्योगों के लिए अधिक अवसर पैदा करना है।

बैठक में विचार किया गया कि बुलंदशहर ग्रेटरनोएडा के बीच करीब 2० हजार हेक्टेयर जमीन है इसे विकसित किया जाए। जिसे 1० साल पहले यूपीसीडा ने अधिसूचित किया था। यूपीएसआईडीए, उत्तर प्रदेश सरकार के एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जो राज्य में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास को गति दे सकता है लेकिन अधिसूचित क्षेत्र का विकास नहीं कर सकता है। ऐसे में इस क्षेत्र के विकसित करने के लिए ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण से पूछा गया। उसने अपने यहा मैनपावर व आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए विकास करने की मंशा से हाथ पीछे कर लिए। ऐसे में नोएडा को इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए कहा गया। मत दिया गया कि नोएडा का विकास लगभग पूरा हो चुका है। यहा जमीन और राजस्व के साधन भी सीमित बचे है।

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विकास मॉडल तैयार होते ही सौंप दी जाएगी जमीन

प्राधिकरण सूत्रों ने बताया कि नया नोएडा बसाने के लिए शासन ने दो महीने पहले ही प्लानिंग शुरू कर दी थी। ऐसे में 80 गांव की जमीन को नया नोएडा के लिए शासन की और से अधिसूचना जारी कर दी है।

जमीन अधिग्रहण करने के लिए होगी प्लानिंग

ग्रेटरनोएडा से बुलंदशहर के बीच 80 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए आपसी समझौते के आधार जमीन अधिग्रहण की जाएगी। हालांकि विगत वर्षो की तुलना में यह कार्य आसान नहीं है। लेकिन इंटीग्रेटड सिटी बसने के बाद यहा निवेश, रोजगार के नए मार्ग प्रशस्त होंगे।

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क्या है नोएडा की वर्तमान स्थिति

वर्तमान नोएडा करीब 2० हजार हेक्टेयर पर बसा है। इसका अधिकांश भाग विकसित किया जा चुका है। मास्टर प्लान प्लान 2०21 व 2०31 की बात करे तो 2० हजार हेक्टयेर जमीन को अलग-अलग श्रेणी में समायोजित किया गया। इसमें लगभग 16,००० हेक्टेयर शहरीकरण क्षेत्र है, जिनमें से 37 प्रतिशत आवासीय विकास के लिए है, 18 प्रतिशत औद्योगिक उपयोग और बाकी क्षेत्र अन्य उपयोगों के लिए विकसित किए गए हैं जिनमें वाणिज्यिक, संस्थागत, और हरित उद्देश्य शामिल हैं। करीब 25० हेक्टेयर जमीन को छोड़ा गया है जिसे अधिग्रहण किया जा रहा है।

दीपांकर जैन

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