Sonbhadra News: अवर्षण के चलते बिजली खपत का नया रिकॉर्ड, बन सकते हैं बिजली संकट से हालात
Sonbhadra News: अवर्षण के चलते बना बिजली खपत का नया रिकॉर्ड, 27580 मेगावाट पहुंची बिजली की मांग, पावर सेक्टर में बेचैनी, बन सकते हैं बिजली संकट सरीखे हालात
Sonbhadra News: एक तरफ इंद्रदेव की बेरुखी ने जहां पिछले साल की तरह इस बार भी खरीफ की खेती किसानी पर सूखे का ग्रहण लगाना शुरू कर दिया है। वहीं, तेजी से बढ़ी बिजली खपत, ने जुलाई माह में अब तक के खपत के सारे आंकड़े पीछे छोड़, यूपी में बिजली संकट सरीखे हालात बनाते नजर आने लगे हैं। जो हालात हैं, उससे यूपी के इतिहास में पहली बार जुलाई माह, साल के सबसे ज्यादा बिजली खपत का नया आंकड़ा बनाता नजर आ सकता है।
आंकड़े बताते हैं कि जून माह में जहां बिजली खपत का आंकड़ा 27611 मेगावाट पहुंच गया था। वहीं जून माह के आखिर में हुई बारिश से बिजली की अधिकतम खपत घटकर 20 से 22000 मेगावाट के करीब आ गई थी लेकिन यह स्थिति चंद दिन तक ही बनी रही। पहली जुलाई को 22000 मेगावाट रहने वाला अधिकतम बिजली खपत का आंकड़ा, 3 जुलाई को 24000 मेगावाट को पार कर गया। 16 जुलाई तक बिजली की अधिकतम खपत 24 से 25 हजार मेगावाट के इर्द-गिर्द बनी रही। 17 जुलाई को यह आंकड़ा उछाल मारते हुए 26229 मेगावाट और 19 जुलाई को 27419 मेगावाट पहुंच गया। 20 जुलाई यानी बृहस्पतिवार की रात 12:30 बजे इस आंकड़े को भी पीछे छोड़ते हुए बिजली की अधिकतम खपत 27580 मेगावाट पहुंच गई। इसके चलते जहां यूपी के पावर सेक्टर में बेचैनी के हालात बने रहे, वहीं, एनर्जी एक्सचेंज सेंटर से महंगी बिजली खरीदकर हालात संभाले गए।
राज्य सेक्टर की परियोजनाओं से नहीं मिल पा रही पूरी बिजली
राज्य सेक्टर की बिजली परियोजनाएं सबसे सस्ती बिजली मुहैया कराती हैं लेकिन कहीं मशीनों की अधिक उम्र तो कहीं रखरखाव में लापरवाही के चलते पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में भी अनपरा परियोजना की 210 मेगावाट की एक इकाई और 500 मेगा वाट की एक इकाई ठप पड़ी हुई है। दोनों इकाइयां ऐसी इकाइयां हैं जिससे लगभग पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन होता है। इसके चलते जहां राज्य सरकार को मिलने वाली सस्ती बिजली में सीधे तौर पर 700 मेगावाट की गिरावट आई है। वहीं लगातार बढ़ती बिजली खपत सरकारी खजाने पर भी भारी पड़ने लगी है।
फिलहाल राहत के नहीं दिख रहे आसार
पूर्वांचल के अधिकांश जिलों में बारिश के आंकड़े चिंता में डालने वाले हैं। सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, मऊ, जौनपुर, भदोही, गाजीपुर में सामान्य बारिश दूर, औसत बारिश का भी आंकड़ा नहीं छू पाया है। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक आधी से अधिक एरिया जंगल से आच्छादित होने के बावजूद सोनभद्र में जून से लेकर अब तक 30 फीसद से भी कम बारिश दर्ज हुई है। चंदौली भदोही में जहां यह आंकड़ा 50 प्रतिशत तक है वहीं, मिर्जापुर में लगभग 70 प्रतिशत तक कम हुई बारिश ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी कुछ दिन और इसी तरह के हालात बने रह सकते हैं। इसको देखते हुए जहां लोगों को सोनभद्र सहित पूरे पूर्वांचल में बड़े सूखे का डर सताने लगा है। वहीं, लगातार नया रिकॉर्ड बना रही बिजली खपत ने पावर सेक्टर से जुड़े जिम्मेदारों को बेचैन करना शुरू कर दिया है।