खबर का असर: ट्रॉलीमैन से उठक-बैठक करवाने वाले एसएसई पर कार्रवाई
भारतीय रेलवे के चेयरमैन अश्विनी लोहानी के हस्तक्षेप के बाद निहालगढ़ में ट्रॉलीमैन बदसलूकी उट्ठक बैठक लगवाने वाले एसएसई एसके मिश्रा पर कार्रवाई हुई है। 30 वर्षों से निहालगढ़ में जमे मिश्रा का ट्रांसफर आदेश 1 फरवरी को आ गया है।
अमित यादव
लखनऊ: भारतीय रेलवे के चेयरमैन अश्विनी लोहानी के हस्तक्षेप के बाद निहालगढ़ में ट्रॉलीमैन बदसलूकी उठक-बैठक लगवाने वाले एसएसई एसके मिश्रा पर कार्रवाई हुई है। 30 वर्षों से निहालगढ़ में जमे मिश्रा का ट्रांसफर आदेश 1 फरवरी को आ गया है।
आपको बता दें कि 22 दिसंबर को newstrack.com ने अपने समाचार पोर्टल पर रेलवे में अफसरों की तानाशाही आज भी पहले जैसी प्रकाशित किया था। खबर चलने के बाद रेलवे के आला अफसरों की नींद उड़ी और अश्विनी लोहानी तक मामला आखिर पहुंच गया। करीब 1 महीने के बाद ट्रॉलीमैन को राहत मिली है। एसएसई एस के मिश्रा के ट्रांसफर के निर्देश आ चुके हैं। पीड़ित ट्रॉलीमैन पर शिकायत वापस लेने के लिए कई बार दबाव बनाया गया लेकिन उसने अपनी लड़ाई जारी रखी और अब जाकर कई बड़े अफसरों के संरक्षण रहने के बाद भी मिश्रा नहीं बच पाए हैं।
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अनुशासन तोड़ने का लगा आरोप
हालांकि, एसके मिश्रा का निलंबन उसी जिले के दूसरे जोन में हुआ है, जिससे ट्रैकमैन यूनियन खफा है और आगे अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कह रहे हैं। एक अमानवीय रवैया वाला वीडियो निहालगढ़ के सीनियर सेक्शन इंजीनियर का देखने को मिला है, जिसमें वे एक ट्रॉलीमैन से उठक-बैठक लगवा रहें थे। वीडियो वायरल होने के बाद महाप्रबंधक से लेकर डीआरएम के कान खड़े हो गए हैं और कार्रवाई के नाम पर पीड़ित ट्रॉलीमैन को ही घेरे में ले लिया था। ट्रॉलीमैन पर अनुशासन तोड़ने का आरोप लगा, जबकि सीनियर सेक्शन इंजीनियर को इस संबंध में नोटिस तक नहीं भेजी गई। इसके बाद लगातार पीड़ित ट्रैकमैन इंसाफ की गुहार लगाता रहा और अब जाकर सफल हुआ है।
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-दरअसल, निहालगढ़ से एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर एसके मिश्र ट्रॉलीमैन राजित राम से से उठ्ठक-बैठक लगवा रहे थे।
-कमीशन न देने को लेकर विवाद हुआ।
-वीडियो में ट्रॉलीमैन की पैंट को जबरन उतरवाते हुए उठ्ठक-बैठक करवाया गया।
-इस घटना के बाद ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन के विश्वनाथ यादव ने विरोध जताया और सुलतानपुर में धरना-प्रदर्शन भी किया।
-फिर जाकर मामला महाप्रबंधक विश्वेश चौबे और डीआरएम सतीश कुमार के पास पहुंचा।
क्या कहा ट्रैक मेंटेनर ने?
ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन के विश्वनाथ यादव ने कहा कि जिस तरह से ट्रांसफर किया गया है वह पूरी तरह से गलत है। केवल जोन बदले गए हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है। हम लखनऊ कार्यालय पर जल्दी ही इसका विरोध करेंगे। उन्होंने बताया कि एसएसई एसके मिश्रा रेलवे नेता शिव गोपाल मिश्रा का रिश्तेदार है। इसके चलते कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई है, लेकिन हम इसके लिए संघर्ष करेंगे।